नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय प्रवक्ता (Foreign Ministry spokesman) ने कहा है कि यूक्रेन-रूस सीमा (Ukraine-Russia border) पर वास्तव में क्या हो रहा है इस बारे में हम ठोस कुछ नहीं कह सकते. जहां तक स्थिति की गंभीरता का सवाल है, यह स्पष्ट है कि जब भी हम कोई एडवाइजरी जारी करते हैं तो एक आकलन के बाद ही करते हैं. हालांकि अभी तक लोगों की वहां से निकासी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.”


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “यूक्रेन (Ukraine) के हालात पर हम नज़र बनाए हुए हैं. हेल्प लाइन शुरू की गई है और कीव और दिल्ली में कंट्रोल स्थापित किए गए हैं. दूतावास सामान्य तरीके से काम कर रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय दूतावास छात्रों के साथ सम्पर्क में है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत की स्थिति साफ है, हम तनाव तत्काल कम करने का हक में हैं और समाधान कूटनीतिक वार्ताओं के जरिए निकाले जाने के पक्ष में हैं.


जर्मनी और फ्रांस के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) 18-23 फरवरी तक जर्मनी (Germany) और फ्रांस (France) के दौरे पर जाएंगे. जयशंकर जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी डायलॉग (Munich Security Dialogue) में भाग लेंगे.  जर्मनी के बाद जयशंकर 20 फरवरी को पेरिस में फ्रेंच विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे. दोनों ही देशों में इंडो पैसिफिक पर प्रमुखता से बात होगी.


इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत और UAE के बीच 18 फरवरी की शाम शिखर बैठक होगा और  ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 21 से 27 फरवरी के बीच विदेश मंत्रालय कार्यकमों का आयोजन करेगा.


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर विदेश मंत्रालय की टिप्पणी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें लगता है कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है. हम इसे नीतिगत टिप्पणी नहीं मानते. जहां तक चीन सीमा का सवाल है स्थिति हम क़ई बार स्पष्ट कर चुके हैं. उससे अधिक बोलने का कारण नहीं हैं. लेकिन एक बार फिर मैं कहना चाहूंगा कि यह एक राजनीतिक बयान है, नीतिगत नहीं.


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