Missile Attack On Crimea: रूस प्रशासित क्रीमिया के समुद्री तट पर एक बड़ा मिसाइल हमला हुआ है. रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने रूस के क्रीमिया के सबसे बड़े शहर और काला सागर के प्रमुख बंदरगाह सेवस्तोपोल में मिसाइल हमला किया है. रूस के गवर्नर मिखाइल रज्वोझायेव ने टेलीग्राम पर कहा कि हमले में कम से कम 24 लोग घायल हुए हैं. रूस ने बताया कि हमले की वजह से सेवस्तोपोल शिपयार्ड में भीषण आग लग गई थी. 


रॉयटर्स ने मिखाइल रज्वोझायेव के हवाले से बताया कि घटनास्थल पर आपातकालीन सेवाएं बहाल की गई हैं. शहर में अब किसी तरह का खतरा नहीं है. 


बीबीसी के मुताबिक, रूस का कहना है कि यूक्रेन ने क्रीमिया में काला सागर बेड़े पर हमला करते हुए 10 मिसाइलें और तीन मानव रहित नौकाएं लॉन्च की हैं. जबकि रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से दावा किया गया है कि 7 मिसाइल को गिरा दिया गया और सभी नौकाएं नष्ट कर दी गई. हालांकि इस हमले को लेकर यूक्रेन की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. 


इस बीच, रूसी ड्रोन ने डेन्यूब नदी पर इजमेल के यूक्रेनी अनाज बंदरगाह को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के ओडेसा के गवर्नर ओलेह किपर ने कहा कि रूसी हमले में छह लोग घायल हो गए, जिससे आग लग गई और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा. किपर ने टेलीग्राम पर कहा, "ड्रोन के कई समूहों को इजमेल जिले में लॉन्च किया गया था."


क्रिमिया को वापस पाने की जद्दोजहद 


क्रीमिया पूर्वी यूरोप के काला सागर के उत्तरी तट पर स्थित एक प्रायद्वीप है. 18 मार्च 2014 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया को रूसी संघ में मिला लिया. इसके साथ ही क्रीमिया रूसी संघ का हिस्सा बन गया है. अब युद्ध की स्थिति में यूक्रेन कोशिश कर रहा है कि क्रीमिया को वापस यूक्रेन में मिला लिया जाए. 


दो साल से चल रहा है युद्ध


रूस-यूक्रेन के बीच करीब डेढ़ साल से ऊपर से युद्ध चल रहा है. दिन की बात करें तो दोनों देशों के बीच 564 दिनों से संघर्ष की स्थिति जारी है. इस दौरान रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों के हजारों सैनिक और नागरिकों की मौत हुई है. युद्ध की वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और संघर्ष की वजह से दोनों देशों में जीवन का संकट लगातार बना रहा. 


बीबीसी ने रूस के हवाले से बताया है कि इस साल ही करीब 120 से ज्यादा ड्रोन हमले यूक्रेन की ओर से किए गए हैं. हालांकि यूक्रेन ने इन हमलों की जिम्मेदारी कभी नहीं ली है. इस युद्ध की वजह से रूस को अतंरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही अतंरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है. इस वारंट के तहत कोई भी सदस्य देश पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य होगा जब पुतिन उस देश में कदम रखेंगे. 


ये भी पढ़ें:


किम जोंग-उन और पुतिन के साथ आने से क्यों घबराया अमेरिका, आखिर क्या प्लान बना रहे हैं दो बड़े 'तानाशाह'