Russia Ukraine War: यूक्रेन के कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस को ठहराया जिम्मेदार
Blackout In Ukraine: यूक्रेन के कई इलाकों में बिजली कटौती जारी है. इस ब्लैकआउट के लिए यूक्रेन ने रूस को जिम्मेदार ठहराया है. जेलेंस्की ने इस पर एक ट्वीट भी किया है.
Ukraine Blackout News: राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रविवार को कहा कि रूस (Russia) पूरे पूर्वी यूक्रेन (Eastern Ukraine) में बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार है. जेलेंस्की ने मास्को (Moscow) पर जानबूझकर नागरिक बुनियादी ढांचे को प्रभावित करने का आरोप लगाया. जेलेंस्की ने 'रूसी आतंकवादियों' को खारकीव और डोनेट्स्क क्षेत्रों में फुल ब्लैकआउट और ज़ापोरिज़्झिया, निप्रॉपेट्रोस और सुमी क्षेत्रों में आंशिक रूप से ब्लैकआउट के लिए दोषी ठहराया.
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, "इनका लक्ष्य लोगों को प्रकाश और गर्मी से वंचित करना है." मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौ मिलियन लोग इस ब्लैकआउट के कारण प्रभावित हुए हैं. इसी के साथ सुमी, निप्रॉपेट्रोस और पोल्टावा क्षेत्रों के अधिकारियों ने बिजली कटौती की घोषणा के तुरंत बाद कहा कि बिजली बहाल कर दी गई है.
A total blackout in the Kharkiv & Donetsk regions, a partial one in the Zaporizhzhia, Dnipropetrovsk & Sumy regions. RF terrorists remain terrorists & attack critical infrastructure. No military facilities, the goal is to deprive people of light & heat. #RussiaIsATerroristState
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) September 11, 2022
यूक्रेन का दावा- रूसी सैनिक पीछे हटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन के मुख्य कमांडर जनरल वेलेरी जालुज्नी ने कहा कि सशस्त्र बलों ने इस महीने की शुरुआत से 3,000 वर्ग किमी (1,158 वर्ग मील) से अधिक पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है. बता दें कि उत्तर-पूर्वी खारकीव क्षेत्र में रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों को दोबारा अपने नियंत्रण में लेने के लिए यूक्रेन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने रूस को अपने सैनिकों को हटाने पर मजबूर किया.
'रूसी सेना पीठ दिखाकर भाग रही है'
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने शनिवार देर रात जारी एक वीडियो में रूसी बलों का मजाक उड़ाते हुए कहा, "इन दिनों रूसी सेना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पीठ दिखाकर भाग रही है." रूसी बलों के पीछे हटने को यूक्रेनी सेना के लिए युद्धक्षेत्र में बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने लगभग सात महीने पहले हुई युद्ध की शुरुआत में राजधानी कीव को नियंत्रण में लेने के रूस के प्रयास को विफल कर दिया था.
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