यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि युद्ध अपराधों के लिए रूसी सेना को तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए. वीडियो के जरिए अपने संबोधन में जेलेंस्की ने रूस के सैनिकों पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बर्बर अत्याचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस्लामिक स्टेट समूह जैसे आतंकवादियों से अलग नहीं हैं.
यूक्रेन के विभिन्न इलाकों खासकर बूचा से सामने आई खौफनाक तस्वीरों ने दुनिया में खलबली मचा दी है और रूस के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए मुकदमा और कठोर पाबंदी लगाने की मांग की गई है. जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली इकाई को लाशों के अंबार का एक संक्षिप्त वीडियो फुटेज दिखाते हुए ‘‘रूसी आक्रमण को रोकने’’ का आह्वान किया है.
बता दें कि यूक्रेन में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ सामूहिक हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. जिसके बाद से ही विश्व स्तर पर रूस के खिलाफ काफी आक्रोश जताया जा रहा है. दरअसल युक्रेन के बूचा में रूसी सैनिकों पर कब्जे के दौरान करीब सैकड़ों नागरिकों की हत्या करने का आरोप लगा है. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूसी सैनिकों को कसाई बताया था.
फिलहाल यूक्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को सस्पेंड करने की मांग उठाई जा रही है. जिस बीच अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने पहले ही साफ किया था कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद से रूस का निलंबन चाहता है. उन्होंने रूसी सैनिकों पर यूक्रेन में युद्ध अपराध करने के आरोप लगाए हैं.
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