रूस-यूक्रेन युद्ध के 40वें दिन एबीपी न्यूज पहुंचा मेरियूपोल (मारियूपोल) और दोनेत्सक बॉर्डर पर. रूस के रोस्तोव ऑन डॉन इलाके से सटे डॉनबास इलाके के ये दोनों शहर इस वक्त सबसे भयंकर लड़ाई से जूझ रहे हैं. सोमवार को ही रूस समर्थित दोनेत्सक मिलेशिया ने दावा किया है मेरियूपोल को यूक्रेन के कब्जे से आजाद करा लिया है.
रूस के रोस्तोव-ऑन-डॉन से महज 120 की दूरी पर है मेरियूपोल. वहीं 150 किलोमीटर पर दोनेत्सक शहर है. इस वक्त रूस और यूक्रेन के बीच सबसे भयंकर युद्ध डॉनबास के इन इलाकों में ही चल रहा है. इसके अलावा लुहांसक की दूरी भी महज दो घंटे की है. रोस्तोव से सटे यूक्रेन के दो बॉर्डर चैकपोस्ट हैं. एक है वेसेलो-वोजेनेसेंका बॉर्डर चैकपोस्ट, जो रोस्तोव शहर से करीब 60-70 किलोमीटर पर है. इसके आगे मेरियूपोल मात्र 60 किलोमीटर है और दोनेत्सक शहर 90 किलोमीटर. रूस ने इसी दोनेत्सक शहर के नाम पर मेरियूपोल सहित इस पूरे इलाके को यूक्रेन से अलग कर दोनेत्सक पीपुल्स रिपब्लिक यानि डीपीआर बनाने की घोषणा की है.
सोमवार को एबीपी न्यूज की टीम मेरियूपोल बॉर्डर पर थी, इसी दिन रूस समर्थित दोनेत्सक मिलेशिया ने दावा किया है कि मेरियूपोल को पूरी तरह से यूक्रेन से आजाद करा लिया गया है. रूस ने मेरियूपोल शहर पर तो कब्जा कर लिया था, लेकिन यहां स्थित एक बड़े स्टील प्लांट पर यूक्रेन की सेना का कब्जा था. दोनेत्सक मिलेशिया ने रूस के चेचेन्या बटालियन के सैनिकों के साथ मिलकर यहां से भी यूक्रेन के सैनिकों को खदेड़ दिया है. चेचेन्या सैनिकों ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है.
रोस्तोव शहर में रूसी सेना के साउथ मिलिट्री डिस्ट्रिक यानि थियेटर कमांड का हेडक्वार्टर है. डॉनबास इलाके में यूक्रेन की सेना से लड़ने के लिए यहीं से सैनिक, टैंक, और हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं. चेचेन्या बटालियन भी इसी कमांड के अंतर्गत आती है, जिसके लड़ाके यूक्रेन में कहर बरपा रहे हैं. रूस का वेसेलो-वोजेनेसेंका बॉर्डर चैकपोस्ट है, जहां से मेरियूपोल 60 किलोमीटर और दोनेत्सक 90 किलोमीटर पर है. यहां पर जब हम पहुंचे तो बड़ी तादाद में शरणार्थी मेरियूपोल और दोनेत्सक से यहां पहुंचे रहे थे. सैन्य गाड़ियों की तो आवाजाही यहां पर हो ही रही है साथ ही अटैक हेलीकॉप्टर भी आसमान में दिखाई दे रहे हैं. बेहद कड़ी सुरक्षा और हमारे पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेज को जांच परखकर ही हमें हमे बॉर्डर चैकपोस्ट तक जाने की इजाजत दी गई थी.
दुनिया के सबसे शैलो यानि कम गहराई वाले समंदर, अजोव सागर पर बसा है रोस्तोव शहर. रोस्तोव शहर से गुजरने वाली डॉन नदी, यहां अजोव सागर में मिल जाती है. यूक्रेन युद्ध के चलते इन-दिनों सबसे संवदेनशील समंदर बन गया है अजोव सागर. क्योंकि अगर रोस्तोव ऑन डॉन अजोव सागर के पूर्व में है तो यूक्रेन का मेरियूपोल पश्चिमी छोर पर है. पिछले एक महीने की लड़ाई में मेरियूपोल पूरी तरह तबाह हो गया है. इसी अजोव सागर से रूसी नौसेना ने अपनी जंगी जहाजों से मेरियूपोल पर मिसाइल दागी थी, तब जाकर रूस को एक निर्णायक जीत हासिल हुई थी.
ये अजोव सागर ब्लैक सी से सटा हुआ है और यहां अब रूसी नौसेना ने अपनी तैनाती काफी बढ़ा दी है ताकी यूक्रेन को समंदर के रास्ते कोई मदद ना मिल सके. इसी अजोव सागर से रूसी नौसेना ने मेरियूपोल पर मिसाइल दागी थी, तब जाकर रूस को यहां निर्णायक जीत हासिल हुई थी. रविवार को ही इंग्लैंड की खुफिया एजेंसी, 'डिफेंस इंटेलीजेंस' ने कहा था कि रूस ने ब्लैक सी और अजोव सी में यूक्रेन का नेवल ब्लॉकेड यानि समुद्री नाकाबंदी कर दी है, जिसके कारण यूक्रेन को समंदर के रास्ते कोई मदद नहीं पहुंच रही है.
रोस्तोव से यूक्रेन यानि डॉनबास इलाके में दाखिल होने के लिए एक दूसरी क्रॉसिंग भी है, जिसे दोनेत्सक चैकपोस्ट के नाम से जाना जाता है. हालांकि, इसका नाम दोनेत्सक है, लेकिन यहां से दोनेत्सक शहर करीब 300 किलोमीटर पर है. यहां से हालांकि, डॉनबास का दूसरा बड़ा शहर लुहांस्क (या लुगांस्क) बेहद करीब है. यहां बड़ी संख्या में लुहांस्क और दोनेत्सक प्रांत की गाड़ियों की आवाजाही देखी जा सकती है. लुहांस्क को भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अलग देश घोषित कर दिया है. यहां पर भी रूस समर्थित मिलेशिया और यूक्रेन सेना में वर्चस्व की जंग जारी है. हालांकि रूसी सेना का कहना है कि लुहांस्क का एक बड़ा हिस्सा अब रूस के अधिकार क्षेत्र में है.
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