Ukraine-Russia Standoff: यूक्रेन मसले पर संकट काफी गहरा चुका है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच बातचीत हुई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस मसले को लेकर अभी भी बात नहीं बनी है. आशंका जताई जा रही है कि यूक्रेन (Ukraine) को लेकर जंग कभी भी शुरु हो सकती है. वहीं यूरोपीय देश संकट टालने की कोशिश में लगे हैं.
बताया जा रहा है कि रूस की सेना युद्धाभ्यास में जुटी हुई है. अमेरिका भी तैयारियों में लगा हुआ है. ऐसा लग रहा है कि रूसी सैनिकों (Russian Troops) और अमेरिकी फौज के बीच यूक्रेन फंस गया है. जानकारी के मुताबिक यूक्रेन में रैली निकाल कर लोगों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के प्रति समर्थन जताया है.
बाइडेन और पुतिन में वार्ता के बाद भी नहीं बनी बात!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों से न घबराने की अपील की है. यह भी बताया जा रहा है कि यूक्रेन में इस वक्त दहशत का माहौल है क्योंकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई बातचीत सार्थक नहीं रही. पुतिन और बाइडेन के बीच फोन पर करीब 62 मिनट तक बातचीत चली. लेकिन दोनों के बीच यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) पर बातचीत बहुत आगे नहीं बढ़ी. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि अमेरिका ने जोर दिया कि वो बातचीत के लिए तैयार है लेकिन साथ ही दूसरे हालात के लिए भी तैयार है. रूस ने अगर आक्रमण किया तो हजारों लोगों की जान जाएगी.
यूक्रेन पर जल्द ही रूस कर सकता है आक्रमण
यूक्रेन को रूस ने तीन तरफ से घेरा हुआ है. पिछले कई दिनों से बताया जा रहा है कि एक लाख से ज्यादा रूसी सैनिक सीमा पर तैनात हैं. रूस हर दिन युद्धाभ्यास कर अपनी तैयारी को मजबूत कर रहा है. अमेरिका का कहना है कि रूस की आक्रमण तैयारी पूरी हो चुकी है. अमेरिका लगातार चेतावनी दे रहा है कि बीजिंग ओलंपिक ( Beijing Olympics) खत्म होने से पहले रूस यूक्रेन पर आक्रमण कर देगा. अमेरिका ने दावा किया कि बुधवार तक रूस यूक्रेन पर आक्रमण कर सकता है. इसी वजह से अमेरिका समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से वापस बुला लिया है.
अमेरिका बना रहा है भय का माहौल- रूस
वहीं रूस की ओर से कहा जा रहा है कि अमेरिका भय का माहौल बना रहा है. रूस पहले ही कह चुका है कि उसका यूक्रेन पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है. दरअसल रूस चाहता है कि अमेरिका और नाटो (NATO) देश यूक्रेन से दूर रहें. NATO के यूक्रेन में आने को रूस अपने लिए सामरिक खतरा मानता है. यूक्रेन जानता है कि वो अपने बल पर रूस की सामरिक शक्ति का सामना नहीं कर सकता और इसलिए वो सामरिक समूह NATO में शामिल होना चाहता है. यूक्रेन की राजनीति भी दो गुटों में बंटी है. एक दल रूस का समर्थन करता है तो दूसरा पश्चिमी देशों का और यही वजह है कि आज यूक्रेन दुनिया की दो बड़ी शक्तियों के बीच उलझा हुआ नजर आ रहा है.
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