Ukraine Russia Tensions: यूक्रेन के मुद्दे पर तनाव काफी बढ़ गया है. एक तरफ रूस यूक्रेन (Ukraine ) पर आक्रमण के लिए अपने सैनिकों को तैनात कर रहा है तो वहीं अमेरिका (America) यूक्रेन की मदद और रूस को जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहा है. रूस अपने मित्र देशों के साथ तेजी से युद्धाभ्यास भी कर रहा है. जानकारी के मुताबिक रूसी नौसेना (Russian Navy) भी पूरी तरह से तैयार है और उसके 6 युद्धपोत (Warships) अब ब्लैक सी (Black Sea) पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि अमेरिका और नाटो के खिलाफ जंग की कार्रवाई के दौरान ये युद्धपोत अहम भूमिका निभा सकते हैं.


ब्लैक सी पहुंचे रूस के कई युद्धपोत


रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से पहले कहा गया था कि इन युद्धपोतों को भूमध्य सागर के क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा. यूक्रेन संकट को लेकर हर पल अलग-अलग तरह के हालात बनते दिख रहे हैं और इस वजह से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अपने युद्धपोतों को युक्रेन के काफी नजदीक कालासागर यानी ब्लैक सी में भेजा है. ताकि अमेरिका और नाटो की सेना को करारा जवाब दिया जा सके. उधर नाटो भी यूक्रेन पर हमले की आशंका को देखते हुए काफी सतर्क और तैयार है. नाटो (NATO) ने पूर्वी यूरोप के कई देशों में आधुनिक हथियारों और जवानों को तैनात किया है. अमेरिका और उसके कई सहयोगी देशों की नौसेना भी इस इलाके और घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाकर गश्त अभियान चला रहे हैं.


अमेरिका से भिड़ने के लिए पुतिन तैयार!


रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो नाटो सैनिकों (NATO) से भिड़ने के लिए रूसी नेवी के जवान और उनके युद्धपोत पूरी तैयारी के साथ जंग की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक रूस ने जनवरी के अंतिम हफ्ते में बाल्टिक सागर से 3 युद्धपोतों को एक साथ भेजा था. इसके बाद फरवरी के पहले हफ्ते में भी तीन और युद्धपोत यहां तैनात किए गए. ताकि दुश्मन को समुद्र तट पर करारा जवाब दिया जा सके. इन युद्धपोतों पर बड़ी संख्या में सेना के जवान, सैन्य वाहन और टैंक समेत कई दूसरे हथियार और उपकरण तैनात रहते हैं. बताया जाता है कि इनमें एम्फीबियस वॉरफेयर शिप भी तैनात है जिसे खासतौर से समुद्री तटों को दुश्मन को मात देने के लिए बनाया गया है.


यूक्रेन सीमा के पास रूस के हजारों सैनिक हैं तैनात


अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने सोमवार को फिर से रूस को एक नई चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसकी महत्वाकांक्षी गैस पाइप लाइन परियोजना नॉर्ड स्ट्रीम 2 (Nord Stream 2) को बनने नहीं दिया जाएगा. बता दें कि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूस ने यूक्रेन के साथ सीमा के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा किया है. वहीं रूस लगातार जोर देकर कहता रहा है कि उसकी हमले की कोई योजना नहीं है. नोटो की विस्तार योजना से रूस खफा है और अमेरिका से गारंटी की मांग कर रहा है कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा लेकिन अमेरिका इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है.


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