(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूक्रेन-रूस जंग के बीच बेलारूस में क्यों हो रहा है जनमत संग्रह? जानें इसकी वजह
जनमत संग्रह में उस कानून को बदलने का भी प्रस्ताव है जो बेलारूस की तटस्थ स्थिति स्थापित करता है. इससे रूस के साथ व्यापक सैन्य सहयोग के रास्ते खुलेंगे.
बेलारूस के अधिनायकवादी नेता 27 साल की अपनी सत्ता को और मजबूत करने के इरादे से रविवार को जनमत संग्रह करा रहे हैं, जिसके लिए लोग मतदान कर रहे हैं. गौरतलब है कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्सजेंडर लुकाशेंको ने सहयोगी रूस को यूक्रेन पर हमला करने के लिए अपने क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है.
घरेलू विरोधियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस के और करीब आए लुकाशेंको ने भरोसा जताया है कि बेलारूस वासी प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन का समर्थन करेंगे जिससे वह साल 2035 तक सत्ता में बने रह सकेंगे.
जनमत संग्रह में उस कानून को बदलने का भी प्रस्ताव है जो बेलारूस की तटस्थ स्थिति स्थापित करता है. इससे रूस के साथ व्यापक सैन्य सहयोग के रास्ते खुलेंगे. उल्लेखनीय है कि रूस ने सैन्य अभ्यास के बहाने अपने सैनिकों को बेलारूस में उतारा और वहां से गुरुवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया.
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार को जारी एक वीडियो संदेश में हमले के लिए रूस को अपनी जमीन देने पर बेलारूस की निंदा की. हालांकि बाद में रविवार को ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदीमीर ज़लेंस्की ने बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लुकाशेंको से फोन पर बात की.
यूक्रेन छोड़ने वालों की संख्या 3,68,000 के पार
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि युद्ध की वजह से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या 3,68,000 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को बताई गई शरणार्थियों की संख्या शनिवार के अनुमान की तुलना में दोगुने से भी अधिक है. शनिवार को एजेंसी ने अनुमान जताया था कि यूक्रेन के कम से कम 1,50,000 नागरिक भागकर पोलैंड और हंगरी तथा रोमानिया समेत अन्य देश चले गए हैं.