ब्रिटेन ने रूस की रणनीति की तुलना सीरिया और चेचन्या से की, कहा- यूक्रेन के मनोबल को तोड़ने की हो रही कोशिश
सीरिया (Syria) और चेचन्या (Chechnya) में रूस को स्थानीय बलों से अप्रत्याशित प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते कई शहरों में भीषण बमबारी के चलते भारी नुकसान हुआ था.
रूस और यूक्रेन में जंग जारी है. इस बीच ब्रिटेन (Britain) ने रूस की रणनीति की तुलना चेचन्या (Chechnya) से की है. ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों ने रविवार को यूक्रेन में रूस द्वारा अपनाई जा रही रणनीति की तुलना सीरिया (Syria) और चेचन्या में इस्तेमाल की गई रणनीति से की है.
सीरिया और चेचन्या में रूस को स्थानीय बलों से अप्रत्याशित प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते कई शहरों में भीषण बमबारी के चलते भारी नुकसान हुआ था. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने अपनी दैनिक खुफिया ब्रीफिंग में कहा कि यूक्रेनी प्रतिरोध ने रूसी बलों को आश्चर्यचकित करना जारी रखा है और उन्होंने खारकीव, चरनीहीव और मारियुपोल जैसे घनी आबादी वाले शहरों को निशाना बनाकर इसका जवाब दिया है.
ब्रिटेन ने रूस की रणनीति की तुलना चेचन्या से की
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (Britain Defence Ministry) ने एक बयान जारी कर कहा कि यह यूक्रेन के मनोबल को तोड़ने का संभावित प्रयास नजर आता है. रूस (Russia) ने 1999 में चेचन्या और 2016 में सीरिया में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी, जिसमें हवाई और जमीन-आधारित, दोनों तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. मंत्रालय ने कहा है कि रूस की आपूर्ति लाइन पर हमले से उसकी प्रगति धीमी पड़ गई है. ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि रूस अब नुकसान को कम करने के लिए अपने ईंधन ट्रकों को छिपाने की कोशिश कर रहा है.
स्कूल भवनों और अस्पतालों को भी टारगेट
बता दें कि रूसी सैनिकों (Russian Soldiers) की ओर से यूक्रेन पर लगातार हमले जारी हैं. स्कूल भवनों, अस्पतालों और बड़ी-बड़ी इमारतों को टारगेट किया जा रहा है. इरपिन में रूसी सैनिकों की फायरिंग में 3 नागरिकों की मौत हो गई है. यहां एक पुल को निशाना बनाया गया है.
वही सेंट्रल कीव चिल्ड्रन अस्पताल को मिसाइल से निशाना बनाया गया है. रूसी हमले जारी रहने के बीच यूक्रेन से लोगों का पलायन जारी है. वहीं यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन ने 130,000 से अधिक विदेशियों को देश छोड़ने में मदद की है. डर और खौफ के बीच भारी संख्या में यूक्रेन से लोग पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं.
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