कीव के किले पर कब्जे के लिए एक अहम मोर्चा है ब्रोवरी, जो इस वक्त काफी गर्म है. इस इलाके में रूस और यूक्रेन के बीच वार-पलटवार जारी है. ब्रोवरी की लड़ाई इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह राजधानी कीव से महज 15-20 मील के फासले पर हैं. इस मोर्चे पर रूसी नियंत्रण का सीधा मतलब होगा कि उनके लिए कीव तक का रास्ता आसान हो जाएगा. इसलिए रूस-यूक्रेन युद्ध का अग्रिम मोर्चा बने इस छोटे शहर की जमीन से एबीपी न्यूज़ की टीम ने मैदान-ए-जंग का जायजा लिया. रूसी सेना ने बीती रात चेरनिहाइव और ब्रोवरी के कई इलाकों में जमकर बमबारी की. इस बमबारी में ब्रोवरी इलाके का एक फूड गोदाम अब तक जल रहा है. एबीपी न्यूज की टीम पहुंची उस जगह, जहां आग बुझाने की कोशिश में दमकल गाड़ियां लगातार लगी हैं. इसके साथ ही धुएं का गुबार पूरे इलाके को ढंक रहा था.
मोर्चे पर तैनात यूक्रेन के ओडेसा इलाके के सांसद एलेक्स गोनचेरिएंका ब्रोवारी इलाके में टेरिटोरियल डिफेंस सैनिकों के साथ मोर्चे पर ड्यूटी दे रहे हैं. एबीपी न्यूज से बात करते हुए हथियारबंद सांसद ने कहा कि ब्रोवरी के मोर्चे पर रूसी सेना को बहुत कड़ी टक्कर मिल रही है. हाल में रूसी सेना के एक टैंक काफिले को यूक्रेनी सेना ने इसी इलाके में ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई में रूसी सेना के टैंक रेजीमेंट के कमांडर की भी मौत हुई है. इसके बाद से बौखलाई रूसी सेना ने जमकर बमबारी की है. हालांकि इससे यूक्रेनी सैनिकों और रक्षकों के हौसले में कोई कमी नहीं आई है.
एलेक्स कहते हैं कि मैं एक सिविलियन व्यक्ति हूं. इसके पहले मेरा कोई सैनिक अनुभव नहीं है, लेकिन अब मैंने भी टेरिटोरियल डिफेंस को जॉइन किया है और अपने देश की रक्षा के लिए हम लड़ रहे हैं. ब्रोवरी के मोर्चे पर लड़ाई तेज है तो नुकसान भी दोनों तरफ हो रहा है. यूक्रेन ने रूसी सेना के कई टैंक ध्वस्त कर दिए तो रूस की गोलाबारी का सिलसिला भी जारी है. ब्रोवरी में एक अहम सैनिक स्टेशन के बाहर खड़ा अधजला आर्म्ड पर्सनल कैरियर वाहन बताता है कि रॉकेट हमले और गोलाबारी किस तरह हो रही है. सुरक्षा कारणों से हमें उस सैनिक स्टेशन स्टेशन नहीं जाने दिया गया, जिसकी इमारत रूसी कार्रवाई में ध्वस्त हो चुकी है. वहीं आसमान से बरसी आग में कई वाहन भी जलकर खाक हो गए. इस हमले में एक शख्स की मौत हो गई है, जबकि 5 लोग गम्भीर रूप से घायल हैं.
एक तरफ चेरनिहाइव तो दूसरी तरफ खारकीव से आती सड़क, ब्रोवरी से आगे ही कीव की तरफ जाती है. लिहाजा इस इलाके पर नियंत्रण को लेकर जद्दोजहद चल रही है. रूसी सेना दबाव बनाए हुए है. कीव की तरफ जाने वाले हाइवे पर मोर्चेबंदी बेहद तैनात वोलादीमीर कहते हैं कि हम पूरी तरह तैयार हैं. रूसी सेना से लोहा लेने के लिए हम दिन रात तैनात रहते हैं और हमारे कई दस्ते लगातार गश्त करते रहते हैं. इस कठिन मोर्चे पर वोलदीमीर जैसे सैनिकों के लिए लोग कभी पीजा तो कभी कॉफी भी दे जाते हैं. यह लड़ाई केवल सैनिकों की नहीं लोगों की भी है और हर कोई इसमें अपने अनुसार योगदान दे रहा है.
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