यूक्रेन में रूसी हमले को लेकर डेमोक्रेटिक सांसदों ने भारतीय राजदूत को लिखा पत्र, भारत से किया ये आग्रह
यूक्रेन में रूसी हमले को लेकर अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू को लिखे पत्र में कांग्रेसी टेड डब्ल्यू लियू (Ted W Lieu) और टॉम मालिनोवस्की ने कहा कि 21वीं सदी में इसके लिए कोई जगह नहीं.
रूस और यूक्रेन के बीच गुरुवार को 22वें दिन भी जंग जारी है. रूस पर दुनियाभर के कई देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. साथ ही यूक्रेन में पुतिन की कार्रवाई की कड़ी आलोचना भी की जा रही है. इस बीच दो डेमोक्रेटिक सांसदों ने बुधवार को भारत से यूक्रेन के खिलाफ रूसी सैन्य अभियानों की निंदा करने का आग्रह किया. यूक्रेन संकट को लेकर डेमोक्रेटिक सांसदों का कहना है कि 21वीं सदी में इसके लिए कोई जगह नहीं है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू को लिखे एक पत्र में, कांग्रेसी टेड डब्ल्यू लियू (Ted W Lieu) और कांग्रेसी टॉम मालिनोवस्की (Tom Malinowski) ने कहा कि हम रूस के साथ भारत के संबंधों को समझते हैं लेकिन हमें संयुक्त राष्ट्र महासभा के 2 मार्च के वोट से दूर रहने के भारत सरकार के फैसले से निराशा हुई.
रूसी हमले की निंदा करे भारत- डेमोक्रेटिक सांसद
डेमोक्रेटिक सांसदों ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का बिना किसी वजह के हमला करना नियम-आधारित आदेश को कमजोर करता है. यूक्रेन पर हमला करके रूस उन नियमों से संबंधित एक समूह को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है जो भारत की भी रक्षा करते हैं.
दो डेमोक्रेटिक सांसदों ने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के लिए भारत का ऐतिहासिक समर्थन हमें उम्मीद देता है कि भारत यूक्रेनी संप्रभुता का समर्थन करने के लिए अन्य लोकतंत्रों में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि वे अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को काफी महत्व देते हैं लेकिन हमें इस बात से निराशा हुई कि भारत ने रूस के कार्यों के जवाब में ये दृष्टिकोण अपनाया.
'21वीं सदी में रूस के कार्यों के लिए कोई जगह नहीं'
डेमोक्रेटिक सांसदों ने कहा कि यूक्रेन संकट के बीच भारत के लिए कठिन रास्ता है. लेकिन 21 वीं सदी में यूक्रेन के खिलाफ रूस के कार्यों का कोई स्थान नहीं है. रूस के साथ संबंध रखने वाले कई देशों ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूसी सरकार की निंदा की. उन्होंने इतिहास के सही पक्ष को चुना और ऐसा ही भारत को भी करना चाहिए. हम आशा करते हैं कि भारत अपनी वर्तमान स्थिति से हटकर कुछ करने का विचार करेगा.
दोनों सांसदों ने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मजीद खान को एक अलग पत्र भी लिखा है जिसमें इस्लामाबाद से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा करने का आग्रह किया गया.
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