Ukraine Russia War: यूक्रेन युद्ध का दुनिया समेत भारत पर क्या असर पड़ेगा? रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कही ये बातें
रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि इस संकट का भारत-रूस संबंध समेत पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा. यह किस हद तक नजर आएगा अभी फिलहाल इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन में मौजूदा संकट का भारत-रूस संबंधों सहित पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा और इसके प्रभाव की अभी कल्पना नहीं की जा सकती है. साथ ही रूसी राजदूत ने कहा कि भारत रूस के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए स्थिति का लाभ उठा सकता है क्योंकि रूस के पश्चिमी भागीदारों ने इसके साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है.
रूस के राजदूत ने कहा कि मौजूदा स्थिति ने भारतीय कारोबारों को रूस में अपनी उपस्थिति के विस्तार का ‘अवसर’ प्रदान किया है. रूसी दूतावास ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें राजदूत की टिप्पणी है. अलीपोव ने कहा, ‘‘इस संकट का भारत-रूस संबंध समेत पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा. यह किस हद तक नजर आएगा, इस बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता.’’
विकसित हो रहे हैं दोनों देशों के बीच संबंध
अलीपोव ने कहा कि हमारा मानना है कि हमारे संबंध दोनों देशों के हितों में विकसित हो रहे हैं और वे रणनीतिक प्रकृति के हैं. लेन-देन के मामलों में भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.’’ भारत-रूस संबंधों पर पश्चिमी प्रतिबंधों के संभावित प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मुद्राओं में परस्पर समाधान के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र पहले से ही काम कर रहा है.
एकमात्र सवाल यह है कि इसे व्यापक पैमाने पर कैसे इस्तेमाल किया जाए. राजदूत ने सुझाव दिया कि तंत्र के व्यापक उपयोग से प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीयों के लिए इस स्थिति का लाभ उठाना और अधिक सक्रिय रूप से रूसी बाजार में प्रवेश बेहतर होगा जब कई पश्चिमी भागीदारों ने हमारे साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है.
भारत की विदेश नीति की सराहना
अलीपोव ने कहा कि भारतीय व्यवसायों के लिए अवसर के समान है. यह भारत के लिए रूस के साथ सहयोग पर करीब से गौर करने का भी अवसर है.’’ राजदूत ने भारत की ‘‘स्वतंत्र’’ विदेश नीति के लिए भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘‘हमने बार-बार कहा है कि हम भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में उसकी भूमिका और प्रभाव को मजबूत करने का स्वागत करते हैं.’’
यूक्रेन पर सैन्य आक्रमण के लिए रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में लाए गए निंदा प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाए रखा है. अलीपोव ने कहा, ‘‘हमने उन पर (भारत) कभी कोई दबाव नहीं डाला और जैसा कि आप जानते हैं, कोई शर्त नहीं रखी है. भारतीय अब अमेरिका में भारी दबाव में हैं.’’
फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं-रूसी राजदूत
यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों से फंसे भारतीयों को निकालने पर रूसी राजदूत ने कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन के पूर्वी शहरों खारकीव, सुमी और पिसोचिन से भारतीयों को बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रही है. अलीपोव ने दावा किया कि खारकीव में लगभग 3,000 भारतीय, पिसोचिन में लगभग 900 और सुमी में 670 भारतीय फंसे हुए हैं. हालांकि, शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि खारकीव और पिसोचिन से भारतीयों का सुरक्षित निकाले जाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है.
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