Ukraine Russia War: रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन में गहराया स्वास्थ्य संकट, WHO ने दी चेतावनी
Ukraine Russia War: WHO यूरोप के निदेशक हंस क्लूज ने पिछले सप्ताह के अंत में एक इंटरव्यू में रायटर ने चेतावनी दी है कि दोनों देशों में चल रहा युद्ध क्षेत्रीय स्वास्थ्य तबाही के खतरे को बढ़ा सकता है.
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Ukraine Russia War: रूस और यूक्रेन के हमले ने देश के कई बड़े शहरों को तबाह कर दिया है. जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब कात्या आपनी 17 साल की बेटी अलिंका को लेकर अस्पताल जा रहा थी. अलिंका को हड्डी का कैंसर है और उस दिन उसका एक जरूर ऑपरेशन होने वाला था. लेकिन इसी बीच रूस मे वहां आक्रमण कर दिया. हमले को देखते हुए कीव के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में उनके डॉक्टर ने उन्हें बुलाया और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए घर जाने की सलाह दी. परिवार को जल्द ही यह आभास हो गया कि अलिंका का इलाज जारी रखना है तो अब विदेश जाना ही एकमात्र विकल्प है.
कात्या (बदला हुआ नाम) ने कहा, "हमे इस फैसले को लेने के दौरान कोई हिचकिचाहट नहीं हुई, क्योंकि इस युद्ध का प्रभाव ना सिर्फ हमारे जीवन पर पड़ेगा बल्कि बच्चों की जिंदगी भी बदल जाएगी. वह फिलहाल अपनी बेटी का इलाज वारसॉ, पोलैंड में करवा रही हैं. वहीं युद्ध के बीच लगभग 700,000 लोग रोमानिया और मोल्दोवा जैसे पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट माने तो जंग के दौरान यहां से लगभग चार मिलियन लोग पलायन कर चुके हैं.
बढ़ा सकता है स्वास्थ्य तबाही के खतरे
इस बीच WHO यूरोप के निदेशक हंस क्लूज ने पिछले सप्ताह के अंत में एक इंटरव्यू में रायटर ने चेतावनी दी है कि दोनों देशों में चल रहा युद्ध क्षेत्रीय स्वास्थ्य तबाही के खतरे को बढ़ा सकता है. उन्होंने कहा, 'यह तबाही एक या दो देशों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वास्तव में क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर है."
स्वास्थ्य सुविधा पर तगड़ा असर
उन्होंने कहा कि युद्ध के समय स्वास्थ्य देखभाल के लिए लोगों की कमी हो जाती है, अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टर्स समय पर उपलब्ध नहीं हो पाते जिससे यूक्रेन की स्वास्थ्य सुविधा पर तगड़ा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कई बार बम और गोलियों की तुलना में बीमारी और कुपोषण से कहीं अधिक लोगों को मारते हैं. उन्होंने कही कि अब डर यह है कि पड़ोसी देशों में शरणार्थियों की आमद उनकी स्वास्थ्य प्रणालियों को भी किनारे कर देगी.
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