रूस से जंग के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की क्यों बोले- यूक्रेन के लोग अनाड़ी नहीं
यूक्रेन ने कीव और चेर्नीहीव के आसपास सैन्य अभियानों को कम करने के लिए रूस के वादे पर संदेह के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त किया क्योंकि कुछ पश्चिमी देशों ने रूसी हमले को तेज करने की आशंका जताई थी.
रूस और यूक्रेन के बीच लगातार एक महीने से ज्यादा समय से युद्ध जारी है. यूक्रेन में रूसी हमले में भारी तबाही हुई है. भारी संख्या में दोनों तरफ से सैनिक भी मारे गए हैं इसके अलावा भारी संख्या में निर्दोष लोग भी मारे गए हैं. जंग के बीच शांति वार्ता को लेकर पहल भी जारी है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दोनों देशों के बीच संघर्ष खत्म करने को लेकर पहल की जा रही है. संघर्ष विराम को लेकर रूस पर संदेह जताते हुए राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने संदेह जताते हुए मंगलवार देर रात कहा है कि यूक्रेन के लोग अनाड़ी नहीं है, यूक्रेनी भोले-भाले लोग नहीं हैं. यूक्रेन ने कीव और एक अन्य शहर के आसपास सैन्य अभियानों को कम करने के लिए बातचीत में रूस के वादे पर संदेह के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की क्योंकि कुछ पश्चिमी देशों ने मास्को से देश के अन्य हिस्सों में अपने हमले को तेज करने की आशंका जताई थी.
यूक्रेन के लोग अनाड़ी नहीं- जेलेंस्की
रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने कहा था कि पारस्परिक विश्वास बढ़ाने और आगे की बातचीत के लिए आवश्यक शर्तें बनाने और सहमति और समझौते के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कीव और चेर्नीहीव में सैन्य गतिविधि को कम करने के लिए मौलिक रूप से निर्णय लिया गया था. उन्होंने अन्य क्षेत्रों का कोई उल्लेख नहीं किया, जिनमें दक्षिण-पूर्व में मारियुपोल, पूर्व में सुमी और खारकीव और दक्षिण में खेरसॉन और मायकोलाइव सहित भारी लड़ाई देखी गई थी. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार देर रात कहा कि यूक्रेनी भोले-भाले लोग नहीं हैं. यूक्रेनी पहले से ही आक्रमण के इन 34 दिनों के दौरान, और डोनबास में युद्ध के पिछले आठ वर्षों में सीख चुके हैं कि केवल एक चीज जिस पर वो भरोसा कर सकते हैं वह ठोस परिणाम है.
35 दिनों से लगातार जारी है जंग
यूक्रेनी सशस्त्र बलों के सामान्य कर्मचारियों ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में सैन्य अभियानों को कम करने का रूस का वादा शायद व्यक्तिगत यूनिट्स का एक रोटेशन था और गुमराह करने का लक्ष्य था. बता दें कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद एक यूरोपीय राष्ट्र पर ये सबसे बड़ा हमला है जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हैं. कई शहरों में अभी भी लोग फंसे हुए हैं. वही करीब 40 लाख से अधिक लोग पलायन के लिए मजबूर हुए हैं. दुनिया के कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं जिससे रूसी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है. दोनों देशों के बीच शांति को लेकर इंस्तांबुल में वार्ता भी हुई है लेकिन अभी तक संघर्ष को रोकने में सफलता नहीं मिली है. रूसी सैनिकों के हमले का यूक्रेनी सेना ने भी डंटकर मुकाबला किया है. अधिकांश मोर्चों पर रूसी आक्रमण को यूक्रेनी बलों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है.