यूक्रेन पर हमले के बाद रूस दुनियाभर के तमाम देशों के निशाने पर है. भले ही बड़े देशों ने रूस के खिलाफ अपनी सैन्य ताकत का इस्तेमाल नहीं किया हो, लेकिन उनकी तरफ से रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिसका सीधा असर रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. अब बताया गया है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का फोकस इकॉनमी पर है.
इकॉनमी को लेकर पुतिन की बैठक
क्रेमलिन के प्रवक्ता की तरफ से बताया गया है कि, यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनसे रूस बाहर निकल सकता है. जबकि इसी बीच राष्ट्रपति पुतिन ने अधिकारियों के साथ अर्थव्यवस्था को लेकर एक बैठक की है. जिसमें इन तमाम प्रतिबंधों से पड़ने वाले असर को लेकर चर्चा हुई.
फिलहाल रूस ने यूक्रेन पर हमला लगातार जारी रखा है. पिछले पांच दिन से यूक्रेन और रूसी सेना एक दूसरे के साथ जंग लड़ रही है. इसी बीच अब बातचीत का दौर शुरू होने की चर्चा भी चल रही है. कहा जा रहा है कि जल्द दोनों देशों के डेलीगेशन आपस में बातचीत कर सकते हैं, जिसके बाद सीजफायर का ऐलान हो सकता है. रूस को जहां प्रतिबंधों से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं यूक्रेन को रूस के इस हमले से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.
रूस पर लगाए गए कई प्रतिबंध
यूक्रेन पर हमले के बाद दुनियाभर के तमाम देशों ने रूस को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी थी. लेकिन रूस ने खुलकर कहा कि, इस मामले में किसी भी देश का हस्तक्षेप वो बर्दाश्त नहीं करेगा. इसके बाद अमेरिका ने बड़े रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगाया. साथ ही ब्रिटेन ने भी कई रूसी बैंकों और लोगों पर प्रतिबंध का ऐलान किया. इसके अलावा रूस के सरकारी कर्ज पर भी कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं. यूरोपीय संघ, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देश भी लगातार रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की तैयारी कर रहे हैं. जिसके बाद रूस की इकॉनमी पर इसका सीधा असर दिखने लगा है. इसीलिए अब पुतिन भी इसे लेकर सोचने को मजबूर हो रहे हैं.
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