Ukraine Russia War : यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति से मिले तो दुनियाभर के देशों में हलचल शुरू हो गई. मोदी की इस यात्रा को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई तो यूक्रेन के राष्ट्रपति ने से निराशाजनक बताया. अब खबर है कि अमेरिका में नाटो की मीटिंग चल रही है, जिसमें शामिल होने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका पहुंच चुके हैं. वह वहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात करेंगे. वहीं, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर रही हैं.


अमेरिका में वोलोदिमीर जेलेंस्की ने क्या कहा?
पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे चुके यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस समय अमेरिका में हैं. वह वॉशिंगटन में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) की बैठक में हिस्सा लेने वहां पहुंचे हैं. उन्होंने मंच से कई अहम बातें कही हैं. जेलेंस्की ने कहा कि मैं यूक्रेन की मदद और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अमेरिका के निश्चय के लिए आभार जताता हूं. रूस के आतंक का खात्मा अब बहुत जरूरी हो गया है. जेलेंस्की ने यूक्रेन युद्ध में अमेरिका की भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि पुतिन कितने समय तक टिकेंगे, इसका जवाब वाशिंगटन के पास है. अमेरिका को अपनी ताकत को पहचानना चाहिए, क्योंकि इससे दुनिया की आजादी महफूज रहती है. इस वजह से दुनिया अमेरिका को तरजीह देता है, क्योंकि इससे दुनिया की आजादी महफूज रहती है. इस वजह से दुनिया अमेरिका को तरजीह देता है, क्योंकि अमेरिका हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठता, लेकिन पुतिन सत्ता में कितना टिकेंगे? 


शेख हसीना पहुंची चीन
इधर, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने 4 दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंच गई हैं. बीएसएस समाचार एजेंसी ने बताया कि बुधवार को शी और ली के साथ उनकी अलग-अलग बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी. बांग्लादेशी समाचार एजेंसी ने बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की यह चीन यात्रा 21 से 22 जून को भारत की उनकी पिछली यात्रा के 15 दिनों के भीतर हो रही है. हसीना ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में अपने चीनी समकक्ष ली कियांग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक भी करेंगी. विदेश मंत्री डॉ. हसन महमूद ने कहा कि आर्थिक और बैंकिंग क्षेत्र में सहयोग, व्यापार और निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे के विकास, आपदा प्रबंधन में सहायता पर दोनों पक्षों में हस्ताक्षर होने की संभावना है.