Ukraine Russia War: रूस और यूक्रेन के बीच विवाद (Russia-Ukraine Crisis) खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. पूरे 26 दिनों के बाद भी दोनों देशों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. वहीं दूसरी तरफ इस जंग का असर ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ने वाला है. हाल ही में कोरोना महामारी के बार ऊबर रही ग्लोबल इकोनॉमी (Global Economy) के लिए यह जंग ठीक नहीं है. लंदन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीव शिफेरेस ने इस युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर को लेकर एक शानदार रिपोर्ट तैयार की है.
आर्थिक विकास संगठन (OECD) ने गुरुवार को कहा कि इस युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ सकता है. यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद पहले साल में वैश्विक आर्थिक विकास में एक प्रतिशत से ज्यादा की कटौती कर सकता है. OECD के अनुसार, यह जंग आने वाले साल में रूस में "गहरी मंदी" का कारण बन सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले साल में वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता कीमतों में लगभग 2.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.
ओईसीडी के मुख्य अर्थशास्त्री लॉरेंस बूने ने द ग्लोब एंड मेल को बताया कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 1.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ यूरोपीय संघ में विकास सबसे कठिन होगा. उन्होंने कहा कि लगभग 0.8 प्रतिशत के प्रभाव के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.
यूरोप एनर्जी के लिए बहुत हद तक रूस पर निर्भर
बता दें कि रूस और यूक्रेन गेहूं के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से हैं एक हैं और कई देश (विशेष रूप से यूरोप में) रूसी तेल और गैस पर निर्भर हैं, इसलिए ऊर्जा और खाद्य कीमतों में और वृद्धि जारी रह सकती है.
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