Russia-Ukraine War: यूक्रेन ने कहा है कि वह रूसी सेना के साथ बुधवार को तबाह बंदरगाह शहर मारियुपोल से नागरिकों की निकासी के लिए सुरक्षित मार्ग खोलने के लिए सहमत हो गया है. यूक्रेन की उप प्रधान मंत्री इरीना वीरेशचुक ने टेलीग्राम पर लिखा, "हम महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए मानवीय गलियारे पर एक प्रारंभिक समझौता करने में कामयाब रहे हैं."
वीरेशचुक ने नागरिकों से कहा कि वे दोपहर 2:00 बजे (1100 GMT) यूक्रेन के कब्जे वाले शहर ज़ैपसोरिज़िया की ओर जाने वाले निकासी के लिए इकट्ठा हों. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि "बहुत कठिन सुरक्षा स्थिति के संबंध में, गलियारे में परिवर्तन हो सकते हैं".
यूक्रेन के अंडर-फायर फ्रंटलाइन क्षेत्रों से निकासी पिछले तीन दिनों से निलंबित कर दी गई थी. इस बारे में कीव का कहना था कि कोई समझौता नहीं किया जा सकता है क्योंकि रूस ने अपने हमले तेज कर दिए हैं.
रूसी हमले का प्रमुख लक्ष्य है मारियुपोल
बता दें मारियुपोल यूक्रेन पर रूस के विनाशकारी हमले का एक प्रमुख लक्ष्य है और व्यापक गोलाबारी ने शहर को बर्बाद कर दिया है. क्रेमलिन की सेना वर्तमान में विशाल अज़ोवस्टल लौह और इस्पात संयंत्र में शेष यूक्रेनी सैनिकों को उनके अंतिम होल्डआउट से बाहर निकालने के लिए जमकर लड़ रही है. मॉस्को ने मारियुपोल में यूक्रेनी सेना को हथियार डालने और आत्मसमर्पण करने के लिए कई अल्टीमेटम जारी किए हैं.
3 लाख लोग बच निकलने में रहे कामयाब
यूक्रेन का कहना है कि 24 फरवरी को रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से खोले गए मानवीय गलियारों के माध्यम से लगभग 300,000 लोग देश भर में लड़ाई से बचने में कामयाब रहे हैं.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि रूसी हमले के बाद से 50 लाख से अधिक यूक्रेनी नागिरकों ने अपना देश छोड़ दिया है. शरणार्थियों के लिए जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने बुधवार को शरणार्थियों की कुल संख्या 50 लाख 10 हजार बताई.
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