यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि देश के पूर्वी हिस्से में रूसी आक्रमण का कड़ा प्रतिरोध किया जा रहा है, जिसकी कीमत जानमाल की हानि के रूप में चुकानी पड़ रही है. यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि रूसी सैनिक स्लोबोदा, दोनेत्स्क और तौरीद क्षेत्रों में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यूक्रेनी सैनिक उन्हें रोक रहे हैं, जो गांव दर गांव लड़ाई जारी रखे हुए है.


वहीं, यूक्रेन के खुफिया अधिकारियों ने रूसी सैनिकों पर उनके कब्जे वाले कई शहरों और कस्बों में चिकित्सा संस्थान नष्ट करने का आरोप लगाया है. इस बीच, दक्षिणी यूक्रेन के मारियुपोल शहर की नगर परिषद ने कहा है कि नागरिकों की व्यापक स्तर पर निकासी के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक कार्यक्रम की शुरूआत सोमवार को होने वाली है.


मारियुपोल में फंसें हैं नागरिक
संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को बंदरगाह शहर मारियुपोल में बमबारी से नष्ट हुई इमारतों के अंतिम रक्षात्मक गढ़ से नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की. यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, अनुमानित एक लाख नागरिक शहर में रहते हैं और तकरीबन एक हज़ार नागरिकों ने सोवियत युग के विशाल इस्पात संयंत्र में पनाह ली है.


यूक्रेन के हमलों से रूस में तेल डिपो को नुकसान
वहीं, समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस' द्वारा विश्लेषित की गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि यूक्रेन के संदिग्ध हमलों के बाद रूस में यूक्रेन की सीमा के पार तेल डिपो को नुकसान पहुंचा है. शनिवार की तस्वीरें ब्रांस्क में दो साइटों पर हुए नुकसान को स्पष्ट कर रही हैं. बीते सोमवार को किए गए विस्फोट ने कई टैंकों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे आसपास का मैदान जल गया.


विस्फोट ने एक रूसी राज्य-नियंत्रित कंपनी ट्रांसनेफ्ट की सहायक कंपनी ट्रांसनेफ्ट-ड्रुज़बा के स्वामित्व वाले एक तेल डिपो को जला दिया, जो यूरोप में कच्चे तेल को ले जाने वाली ड्रूज़बा (मैत्री) पाइपलाइन का संचालन करती है. ब्रांस्क, यूक्रेन के साथ सीमा से लगभग 100 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.


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