राष्ट्रपति जेलेंस्की बोले- NATO को मान लेना चाहिए कि वह रूस से डरता है, इसलिए नहीं कर रहा यूक्रेन को स्वीकार
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने नाटो से यू्क्रेन को खुले तौर पर अपनाने या फिर न अपनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है.
रूस और यूक्रेन के बीच जंग को करीब एक महीना होने वाला है और ऐसे में अब यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने नाटो से यू्क्रेन को खुले तौर पर अपनाने या फिर न अपनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है. द कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने यूक्रेनी सार्वजनिक प्रसारक सस्पिलने से साक्षात्कार में कहा, "नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वह हमें स्वीकार कर रहा है, या खुले तौर पर कहे कि वह हमें स्वीकार नहीं कर रहा है। वह वह रूस से डरते हैं, जो सच है."
इसके अलावा अब से करीब दो सप्ताह पहले ज़ेलेंस्की ने कहा था कि वह अब यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्यता हासिल करने पर दबाव नहीं डाल रहे हैं. ज़ेलेंस्की ने एबीसी न्यूज पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा था कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. राष्ट्रपति ने कहा, "गठबंधन (नाटो) विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है." गौरतलब है कि रूस ने कहा है कि वह नहीं चाहता कि पड़ोसी यूक्रेन नाटो में शामिल हो.
रूस ने रासायनिक संयंत्र पर की बमबारी: यूक्रेन
यूक्रेन के महाअभियोजक ने कहा कि सूमी शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक रासायनिक संयंत्र पर भी रूसी गोला गिरा है. संयंत्र पर सोमवार की रात तीन बजे बम गिराया गया जिससे एक टैंक में रखी गई 50 टन अमोनिया गैस का स्राव होने लगा. महाअभियोजक ने बताया कि गैस पर काबू पाने में कई घंटे लग गए.
उधर, रूसी सेना के प्रवक्ता इगोर कोनाशेंकोव ने दावा किया कि गैस स्राव यूक्रेन की ओर से योजनबद्ध उकसावे की कार्रवाई है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना रूस पर रासायनिक हमला करने का झूठा आरोप लगा रही है. कोनाशेंकोव ने यह भी कहा कि रात में किये गये क्रूज मिसाइल हमले में यूक्रेन के रिवने क्षेत्र में स्थित सैन्य प्रशिक्षण केंद्र को निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि इस दौरान 80 विदेशी और यूक्रेनी सैनिक मारे गये.
यह भी पढ़ेंः यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की बोले- सायरन की आवाज के साथ जी रहे, मर रहे....
यूक्रेन के साथ जंग के बीच रूस में फेसबुक-इंस्टाग्राम पर लगा बैन, कोर्ट ने क्या कुछ कहा?