यूक्रेनी, रूसी नोबेल शांति विजेताओं ने व्लादिमीर पुतिन को फटकारा, जानिए क्या कहा
रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से नौ महीनों में सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज ने कथित युद्ध अपराधों के 27,000 से अधिक मामलों का दस्तावेजीकरण किया है.
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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से जंग जारी है. दोनों ही देश युद्ध से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुतिन लगातार यूक्रेन पर घातल हमले कर रहे हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. इस जंग के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दुनिया के कई बड़े देशों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं यूक्रेन और रूसी नोबेल शांति विजेताओं ने भी पुतिन को लताड़ लगाई है. नोबेल शांति विजेताओं ने जंग को "पागलपलन और आपराधिक" बताया है.
जेल में बंद बेलारूसी अधिकारों के अधिवक्ता एलेस बालियात्स्की, रूसी संगठन मेमोरियल और यूक्रेन के सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज (CCL) को नोबेल समिति ने अधिनायकवाद के विरोध में "मानवाधिकार, लोकतंत्र और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व" के लिए सम्मानित किया है. सीसीएल के प्रमुख ऑलेक्ज़ेंड्रा मत्वीचुक ने कहा, "यूक्रेन के लोग दुनिया में सबसे अधिक शांति चाहते हैं, लेकिन जिस देश पर हमला हो रहा है वह हथियार डाल कर शांति नहीं हासिल कर सकता है."
सीसीएल ने किया युद्ध अपराधों का दस्तावेजीकरण
2007 में स्थापित CCL ने यूक्रेन में रूसी सैनिकों के कथित रूप से किए गए युद्ध अपराधों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें आवासीय भवनों, चर्चों, स्कूलों और अस्पतालों की गोलाबारी, निकासी गलियारों पर बमबारी, लोगों का जबरन विस्थापन और यातनाएं शामिल हैं. मत्वीचुक ने एएफपी को बताया कि यूक्रेन में रूसी बमबारी के कारण बिजली नहीं है और उनको अनपा नोबेल स्वीकृति भाषण मोमबत्ती की रोशनी में लिखना पड़ा था.
'अंतरराष्ट्रीय ट्रायब्यूनल में चले मुकदमा'
उल्लेखनीय है कि रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से नौ महीनों में सीसीएल ने कथित युद्ध अपराधों के 27,000 से अधिक मामलों का दस्तावेजीकरण किया है. वहीं मत्वीचुक ने पुतिन, उनके सहयोगी बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको और "अन्य युद्ध अपराधियों" के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ट्रायब्यूनल के लिए अपनी अपील को फिर दोहराया है.
'शाही महत्वाकांक्षाएं फल-फूल रहीं'
मुत्वीचुक के रूसी सह-पुरस्कार विजेता यान रचिंस्की ने इस बीच पूर्व सोवियत संघ से विरासत में मिली रूस की "शाही महत्वाकांक्षाओं" की निंदा की "जो आज भी फलती-फूलती नजर आती है." उन्होंने कहा कि पुतिन और उनके "वैचारिक सेवकों" ने "अपने स्वयं के राजनीतिक हितों के लिए" फासीवाद-विरोधी संघर्ष को हाईजैक कर लिया है.
पत्नी ने लिया पुरस्कार
तीसरे नोबेल पुरस्कार विजेता, एलेस बालियात्स्की को शासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के कारण जुलाई 2021 से लंबित मुकदमे के बाद से हिरासत में रखा गया है. 60 वर्षीय को नोबेल समारोह में भाषण देने तक की इजाजत नहीं दी गई थी. उनकी पत्नी नतालिया पिंचुक ने पुरस्कार स्वीकार किया.
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