मिसाल: बर्थडे पर इजराइली महिला ने फिलिस्तीनी बच्चे को डोनेट की किडनी, कहा- हम जल्द बहुत करीब होंगे
50 साल की होने जा रही इजराइली महिला ने फिलिस्तीनी बच्चे को किडनी डोनेट कर संघर्षरत दो देशों के बीच उदारता का परिचय दिया है. किडनी डोनेशन के फैसले से महिला को परिवार में भारी विरोध का सामना करना पड़ा.
50 साल की होने जा रही महिला ने एक तोहफा चुन लिया था. तोहफा में अजनबी को एक किडनी डोनेट करने की तैयारी थी. उत्तरी इजराइल की शिक्षिका ने डोनर और जरूरतमंद को जोड़नेवाले एक ग्रुप से संपर्क साधा. उसकी किडनी को जरूरतमंद तक ट्रांसफर करने की प्रक्रिया नौ महीने तक चली. संयोग से गाजा पट्टी का एक 3 वर्षीय फिलिस्तीनी लड़का मिला.
फिलिस्तीनी बच्चे को इजराइली महिला का नायाब तोहफा
इडिट हरेल सेगल ने हेब्रू भाषा में बच्चे को लिखा, "तुम मुझे नहीं जानते, लेकिन जल्द ही हम बहुत करीब हो जाएंगे क्योंकि मेरी किडनी तुम्हारे शरीर का हिस्सा होगी." एक दोस्त ने चिट्ठी का अनुवाद अरबी में किया ताकि परिवार समझ सके. उसने लिखा, "मैं दिल से दुआ करती हूं कि सर्जरी कामयाब हो जाए और तुम लंबी, स्वस्थ और सार्थक जिंदगी गुजारो. 11 दिनों की जंग के बाद मैंने क्रोध और निराशा को दूर भगाया और सिर्फ शांति और प्यार की उम्मीद देखती हूं. अगर मेरे जैसे और भी होंगे, तो कोई लड़ाई नहीं होगी."
किडनी डोनेशन के फैसले ने परिवार में डाला दरार
सेगल के फैसले और ट्रांस्पलांट के बीच महीनों गतिरोध बना रहा. परिवार में गहरी दरार पैदा हो गई. उसके पति और तीन बच्चों में से सबसे छोटे बेटे ने किडनी डोनेशन का विरोध किया. उसके पिता ने भी उससे बात करना छोड़ दिया. सेगल याद करते हुए बताती हैं, "उनके नजदीक मैं अपनी जिंदगी को गैर जरूरी जोखिम में डाल रही थी. मेरा परिवार बिल्कुल इसके खिलाफ था. मेरे पति, मेरी बहन, उसके पति समेत हर शख्स खिलाफ था."
सेगल ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब मुझे बच्चे की पहचान का पता चला, तो जानकारी को महीनों खुद तक छुपाए रखा. सेगल याद करती हैं, "मैंने किसी को नहीं बताया. मैनें खुद से पूछा कि अगर किडनी डोनेशन पर इतनी सख्त प्रतिक्रिया है, तो जाहिर है एक फिलिस्तीनी बच्चे को डोनेट करने पर कितनी कड़ी होगी." इजराइल ने गाजा पर कड़ी नाकेबंदी बनाए रखी है. घोर दुश्मन कई लड़ाइयां लड़ चुके हैं.
गाजा के कुछ लोगों को इजराइल में दाखिल होने की इजाजत है. गाजा का स्वास्थ्य ढांचा वर्षों संघर्ष और नाकेबदीं से तबाह हो चुका है. इजराइल मानवीय आधार पर गंभीर इलाज के जरूरतमंद मरीजों की कम संख्या को दाखिले की इजाजत देता है. ग्रुप के सीईओ शारोना शर्मन ने बताया कि जेरूसलेम में एक गैर सरकारी संगठन ने किडनी की प्रक्रिया में सहयोग किया. शर्मन ने कहा कि गाजा निवासी लड़के का मामला पेचीदा हो गया था.
प्रक्रिया को तेज करने के लिए उसके पिता को अस्पताल ने बताया कि उसे इजराइली जरूरतमंद को एक किडनी देनी होगी. ऐसा करने से बच्चे का नंबर 'फौरन लिस्ट में सबसे ऊपर आ जाएगा'. उसी दिन उसके बेटे को एक नई किडनी मिली, पिता ने अपनी एक किडनी दो बच्चों की इजराइली महिला को डोनेट किया. सेगल के नजदीक उसकी किडनी ने बच्चे को नई जिंदगी दी. उसने बच्चे और परिजनों से सर्जरी वाले दिन मुलाकात की.
उसका कहना है कि उसके पति अब अच्छी तरह समझते हैं और उसकी तरह उसके बच्चे भी. सेगल की सर्जरी के मौके पर उसके पिता आए. सेगल ने कहा, "मुझे याद नहीं उन्होंने क्या कहा क्योंकि पिता रो रहे थे." तब, उसने उनको बताया कि उसकी किडनी एक फिलिस्तीनी बच्चे के पास जा रही है. एक लम्हे के लिए खामोशी हो गई और फिर उसके पिता ने कहा, "ठीक है, उसे भी जिंदगी की जरूरत है."
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