ईरान के खिलाफ एक्शन, प्रदर्शनकारी महिलाओं पर कार्रवाई के बाद UN ने अब उठाया बड़ा कदम
Anti Hijab Protest: संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के 29 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया, जबकि 8 देशों ने इसके खिलाफ वोट किया.
Anti Hijab Protest: संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकार वाले संगठन से ईरान को बाहर करने के लिए बुधवार को वोट किया है. दरअसल, इरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को लेकर महिलाओं पर क्रूर कार्रवाई को लेकर अमेरिका ने यह पहल की है. यह संगठन महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग (UNCSW) है, जिससे ईरान को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.
ईरान को इस परिषद से बाहर करने के लिए एक साधारण बहुमत की जरूरत थी, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रस्तावित किया गया था. इसका ईरान के सहयोगी देश रूस और चीन ने विरोध किया, लेकिन अमेरिका ने कूटनीतिक रूप से इसपर जीत हासिल की. वहीं ईरान में लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थित कार्यकर्ताओं ने ईरान के 2022-2026 के बचे हुए कार्यकाल के लिए महिलाओं की स्थिति (UNCSW) पर संयुक्त राष्ट्र आयोग से बाहर करने का स्वागत किया है.
29 सदस्यों ने पक्ष में वोट किया
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के 29 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया, जबकि 8 देशों ने इसके खिलाफ वोट किया और 16 देशों ने मतदान ही नहीं किया. प्रस्ताव में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से ईरान को आयोग की सदस्यता से बाहर किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में कहा गया है कि ईरानी की सरकार "लगातार बल प्रयोग करके अभिव्यक्ति, ओपिनियन और स्वतंत्रता के अधिकारों सहित महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों को लगातार तेजी से कमजोर करता रहा है."
ईरान महिलाओं के विपरीत नीतियों को लागू कर रहा
प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि "ईरान की सरकार महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों के विपरीत नीतियों को लागू करके आयोग के जनादेश के साथ-साथ पुलिस फोर्स का इस्तेमाल करती है, जिसके वजह से महिलाओं और लड़कियों सहित शांतिपूर्ण ढंग प्रदर्शन कर रहे से प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई."
महसा अमिनी की मौत के बाद प्रदर्शन
संयुक्त राष्ट्र का यह आयोग प्रमुख वैश्विक अंतर सरकारी निकाय है, जो मुख्य रूप से जेंडर समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है. बता दें कि 22 साल की युवती महसा अमिनी की मौत के बाद से पूरे ईरान में विरोध शुरू हो गए थे. महसा अमिनी को ठीक से हिजाब नहीं पहनने के लिए पुलिस ने कथित तौर पर पीटा था. मगर, महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन आग की तरह फैल गया और यह देश के सबसे बड़े नागरिक विद्रोह में बदल गया.
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के कार्यालय के मुताबिक, ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में अबतक 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें कम से कम 40 बच्चे शामिल हैं. ईरान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों और प्रदर्शन को रोकने के लिए बल, गोली तक का प्रयोग किया है. वहीं, हिजाब प्रदर्शन ज्यादा ना फैलने, इसके लिए ईरान ने इंटरनेट को बैन कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें: UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए यूके-फ्रांस का भारत को खुला समर्थन, रूस-अमेरिका भी साथ, चीन लगा सकता है अड़ंगा