नई दिल्ली: पाकिस्तान दौरे पर गये संयुक्त राष्ट्र संघ प्रमुख ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून पर चिंता जताई है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 निष्प्रभावी किये जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र संघ प्रमुख बनने के बाद एंटोनियो गुटेरेस पाकिस्तान दौरे पर पहली बार पहुंचे थे. यहां उन्होंने अफगान शरणार्थियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की.
CAA पर पूछे गये सवाल के जवाब में बोले UN प्रमुख
एक इंटरव्यू के दौरान उनसे भारत में नागरिकता संबंधी नये कानून के बारे में पूछा गया. इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, "यकीनन मैं इससे चिंतित हूं क्योंकि ये ऐसा क्षेत्र है जिसमें संयुक्त राष्ट्र बिल्कुल सक्रिय है." उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त बहुत सारी समस्याओं के साथ नागरिकता संबंधी समस्या को लेकर सक्रिय हैं. इस तरह के नागरिकता संबंधी कानून बनने से राज्यविहीन होने का खतरा पैदा हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि जब नया कानून बनाया जाए तब इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि राज्यविहीनता का खतरा पैदा ना हो. अगर कोई अपने आपको दस्तावेज के आधार पर संबंधित देश का नागरिक कह रहा हो तो ऐसा नहीं होना चाहिए कि उससे उसका बुनियादी अधिकार छीन लिया जाए.
धारा 370 निष्प्रभावी किए जाने पर भी रखी राय
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में जारी वर्तमान स्थिति पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर की दो रिपोर्ट से कश्मीर की वर्तमान स्थिति का पता चलता है. इसलिए जरूरी है कि कश्मीर पर रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाए. इससे पहले रविवार को इस्लामाबाद में यूएन प्रमुख ने कहा था कि कश्मीर की स्थिति से वो चिंतित हैं और कश्मीर की दीर्घकालीन समस्या को खत्म करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका भी निभाने को तैयार हैं. हालांकि बाद में भारत ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रस्ताव को खारिज करते हुए पाक अधिकृत कश्मीर का मुद्दा उठा दिया था.
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