UN Report On China: पड़ोसी मुल्कों के लिए नासूर बन चुका चीन अपने खुद के देश में लोगों पर अत्याचार कर रहा है. यूएन की एक रिपोर्ट में चीन के असली चेहरे को उजागर किया गया. जिसमें बताया गया कि कैसे चीन उइगर और अन्य मुस्लिमों को प्रताड़ित कर रहा है. अब इस रिपोर्ट पर यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस की तरफ से भी बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने चीन को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि वो शिनजियांग क्षेत्र को लेकर यूएन की इस रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को तुरंत लागू करे. 


यूएन चीफ गुटेरेस की तरफ से कहा गया है कि, यूएन की रिपोर्ट में जो कुछ तथ्य निकलकर सामने आए हैं और उन्हें ठीक करने को लेकर जो सुझाव दिए गए हैं उन्हें लागू किया जाए. उन्होंने शिनजियांग प्रांत में जारी प्रताड़ना को जल्द से जल्द रोकने की अपील की. 


चीन पर क्या थी यूएन की रिपोर्ट
दरअसल चीन के पूरे दबाव के बीच यूएन की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई. जिसमें बताया गया कि चीन के शिनजियांग में कैसे मुस्लिमों खास तौर पर उइगर मुस्लिमों पर जुर्म किए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कई सालों से लोगों को डिटेंशन कैंप में कैद कर रखा गया है. जहां उन्हें तरह-तरह की प्रताड़नाएं दी जाती हैं. रिपोर्ट में यूएन ने चीन पर 'मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन' का आरोप लगाया है. जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्हें अत्याचार के 'विश्वसनीय सबूत' मिले हैं जो 'मानवता के खिलाफ अपराध' की तरह हैं. इसमें यौन हिंसा और नसबंदी जैसी चीजें भी शामिल हैं. इस रिपोर्ट का पिछले लंबे समय से  इंतजार हो रहा था, वहीं चीन ने संयुक्त राष्ट्र से रिपोर्ट को जारी नहीं करने की गुजारिश की थी. 


यूएन की इस रिपोर्ट ने चीन की तानाशाह सरकार की पोल खोलकर रख दी. इसमें कहा गया है कि चीन अल्पसंख्यकों के दमन के लिए अस्पष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों का इस्तेमाल कर रहा है और 'मनमाने ढंग से कैद का सिस्टम' स्थापित किया है. 


चीन ने खारिज की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद चीन तुरंत जवाब देने उतरा और इसे खारिज कर दिया. चीन ने रिपोर्ट को अवैध और अमान्य करार देते हुए कहा कि अमेरिका ने उसे रोकने के लिए यह रिपोर्ट गढ़ी है. निवर्तमान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेचलेट की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट, जिनेवा में नाटकीय अंदाज में जारी की गई. बैचलेट चीन के साथ लंबे समय तक चले राजनयिक विवाद के बाद मई में शिनजियांग गई थीं, जिसके बाद यह रिपोर्ट जारी की गई है. चीन ने रिपोर्ट जारी करने पर आश्चर्य जताते हुए इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया. 


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