कोरोना वायरस के गंभीर वैश्विक संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बैठक की है. ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई और इसमें सभी प्रतिनिधियों ने कोरोना वायरस के कारण बने संकट को मिलकर सुलझाने की प्रतिबद्धता जाहिर की. संयुक्‍त राष्‍ट्र के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुतेरेस ने UNSC के सदस्यों से कहा कि ये पीढ़ियों की लड़ाई है और संयुक्त राष्ट्र को इस मुश्किल समय का सामना करना है.


इस बैठक में एंटोनियो गुतेरेस ने आतंकियों के कोरोना वायरस का फायदा उठाने की भी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि आंतकवाद का खतरा मौजूद है. आतंकी संगठन इस समय आतंक फैलाने के लिए इस समय हमला करने के मौके निकाल सकते हैं जबकि दुनियाभर की लगभग सभी सरकारों का ध्यान इस महामारी से निपटने पर है. उन्होंने ये भी कहा कि जबसे इस संस्था का गठन हुआ है तबसे लेकर अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा का सामना विश्व कर रहा है.


उन्होंने कहा कि कोविड-19 की महामारी के कारण बनी स्थितियों के परिणाम का सामना हर देश कर रहा है और हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई है, परिवार टूट रहे हैं, अस्पतालों में भारी भीड़ है और जरूरी सेवाओं के कार्यकर्ता अतिरिक्त कार्यों के बोझ से दबे हैं.


एंटोनियो गुतेरेस ने कहा कि हम सभी इस अचानक उजागर झटके से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जो नौकरियां चली गई हैं और जो कारोबार पीड़ित हैं उसके अलावा हमारे दैनिक जीवन के लिए मौलिक और कठोर बदलावों का हम सामना कर रहे हैं. इससे भी डरावनी बात यह है कि अभी भी सबसे बुरा आना बाकी है, खासकर विकासशील देशों और उन देशों में पहले से ही सशस्त्र संघर्ष से पस्त हैं.





जबकि कोविड-19 महामारी पहले से ही एक भयानक स्वास्थ्य संकट है, इसके परिणाम कहीं अधिक दूरगामी हैं. हम पहले से ही इसके विनाशकारी सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को देख रहे हैं, क्योंकि दुनिया भर की सरकारें पहले से ही बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक मंदी के असर से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं.


बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता अप्रैल के लिए डोमिनिक रिपब्लिक के पास है.


संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था जो इस महामारी के वैश्विक तौर पर फैलने की शुरुआत से ही शांत थी, इसने अपना पहला संक्षिप्त प्रेस स्टेटमेंट जारी किया जिसमें इन सब बातों का उल्लेख था. सेक्रेटरी जनरल के बयान में इस बात की भी अपील की गई थी कि सभी देशों को एक बार फिर मिलकर अपने मतभेदों को भुलाना होगा और इस महामारी से प्रभावित देशों और लोगों की मदद करनी होगी.