संयुक्त राष्ट्र: म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद अब तक करीब 50 निर्दोष और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को मार दिया है. बहुत से प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं. म्यांमार पर ये जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत ने सुरक्षा परिषद को दी है. उन्होंने इसके साथ ही मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों को जिम्मेदार ठहराए जाने के लिए 'अंतरराष्ट्रीय तंत्र' के जरिए तत्काल संयुक्त कार्रवाई का आह्वान किया.


म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को बताया, 'तत्काल सामूहिक कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है. हम म्यांमार की सेना को और कितना आगे जाने की अनुमति दे सकते हैं?'


म्यांमा को लेकर हुई परिषद की बैठक को बर्गनर ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में म्यांमार की सेना ने जबरदस्त हिंसक कार्रवाई की है. एक फरवरी को हुए तख्तापलट का विरोध करने वाले 50 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.


घटनाक्रम पर भारत की करीबी नजर
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट और अशांति की पृष्ठभूमि में भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह हालात पर करीब से नजर रखे हुए है. इस संबंध में साझेदार देशों से बातचीत भी कर रहा है. साथ ही उसने सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए शांति से सुलझाने पर जोर दिया. म्यांमार से पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोगों के भारत की सीमा में प्रवेश करने और मिजोरम में शरण लेने की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह 'तथ्यों का सत्यापन' कर रहा है.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद से वहां के 16 नागरिक भारत आए हैं और मिजोरम में शरण ली है. दावा है कि उनमें से 11 पुलिसकर्मी हैं. पत्रकार वार्ता में इस बारे में सवाल करने पर मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'फिलहाल हम तथ्यों का सत्यापन कर रहे हैं, इस संबंध में अधिक सूचना के साथ आपको उत्तर देंगे.'


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