वाशिंगटन: यूएन (संयुक्त राष्ट्र) में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार चाहती है कि दुनिया की ताकतें पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाएं. निकी सुरक्षा परिषद के 14 अन्य प्रतिनिधियों के साथ हाल ही में अफगानिस्तान के दौरे पर गए थीं. उन्होंने अफगानिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत की.
निक्की ने यूएन मुख्यालय में कहा, ‘‘उनको पूरा विश्वास है कि तालिबान बातचीत की मेज तक आएगा.’’ उन्होंने कहा कि अफगान सरकार ने आग्रह किया कि सुरक्षा परिषद पाकिस्तान को बातचीत के रास्ते पर लाने के लिए पूरी कोशिश करे. आपको बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान को साल के शुरुआत में ही बड़ा झटका दिया और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली पूरी सैन्य सहायता रोक दी. ये सहायता राशि करीब सात हजार करोड़ की थी.
साल के शुरुआत से ही पाकिस्तान को झटके दे रहा है अमेरिका
2018 की शुरुआत में ही अमेरिका ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर अमेरिका को मूर्ख बना रहा है. अमेरिका ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना रहे तालिबानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान के फेल रहने की वजह से पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोक दी.
आपको बता दें पहली जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर झूठ बोलने और मूर्ख बनाने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था. इस ट्वीट के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर यानी 16 सौ 28 करोड़ रुपये की सैन्य सहायता रोक दी थी.
ट्रंप ने कहा था, ‘’अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से पिछले 15 साल में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा की मदद दी है. बदले में उन्होंने हमें झूठ और छल के अलावा कुछ नहीं दिया. हमारे नेताओं को मूर्ख समझा. जिन आतंकियों को हम अफगानिस्तान में ढूंढ रहे थे, उन्हें पाकिस्तान ने अपने यहां छिपा लिया और शरण दी. पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया. बस! ये सब अब और नहीं चलेगा.’’
अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 14 हजार सैनिक हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया की नीति की घोषणा करते हुए अफगानिस्तान से जल्दबाजी में सैनिकों को वापस बुलाने से इंकार किया था.
आपको बता दें कि साल के पहले ट्वीट में ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिकी धन के दुरुपयोग और आंतक के समर्थन का आरोप लगाया था जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खियां आ गई हैं. ऐसे में अमेरिका पाकिस्तान से जुड़े तमाम विकल्पों को लेकर सजग हो गया है. ऐसे में निकी की यूएन में इस मांग के बाद ये साफ है कि अगर पाक नहीं सुधरता तो उनके लिए हालात सामान्य नहीं होने वाले.