पेगासस खुलासे के बाद दुनियाभर में बवाल, संयुक्त राष्ट्र ने कहा- सर्विलांस प्रौद्योगिकी का हो बेहतर रेगुलेशन
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, जिन लोगों को संभावित निगरानी के लिए चुना गया, उनमें 189 पत्रकार, 600 से अधिक नेता एवं सरकारी अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं.
इजरायली सॉफ्टवेयर कंपनी पेगासस के जरिए जासूसी कांड के कथित खुलासे की मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद दुनियाभर में बवाल मचा हुआ है. इधर, संयुक्त राष्ट्र ने पेगासस के खुलासे के बाद निगरानी प्रौद्योगिकी के बेहतर रेगुलशन का आह्वान किया है. गौरतलब है कि लीक हुए आंकड़ों के आधार पर की गई एक वैश्विक मीडिया संघ की जांच के बाद इस बात के और सबूत मिले हैं कि इजराइल स्थित कंपनी ‘एनएसओ ग्रुप’ के सैन्य दर्जे के मालवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है.
पत्रकारिता संबंधी पेरिस स्थित गैर-लाभकारी संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ एवं मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ द्वारा हासिल की गई और 16 समाचार संगठनों के साथ साझा की गई 50,000 से अधिक सेलफोन नंबरों की सूची से पत्रकारों ने 50 देशों में 1,000 से अधिक ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है, जिन्हें एनएसओ के ग्राहकों ने संभावित निगरानी के लिए कथित तौर पर चुना.
#BREAKING UN urges better regulation of surveillance technology after Pegasus revelations pic.twitter.com/VNEXbMs1WB
— AFP News Agency (@AFP) July 19, 2021
वैश्विक मीडिया संघ के सदस्य ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, जिन लोगों को संभावित निगरानी के लिए चुना गया, उनमें 189 पत्रकार, 600 से अधिक नेता एवं सरकारी अधिकारी, कम से कम 65 व्यावसायिक अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं. ये पत्रकार ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी), ‘रॉयटर’, ‘सीएनएन’, ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’, ‘ले मोंदे’ और ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ जैसे संगठनों के लिए काम करते हैं.
एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर को मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और मैक्सिको में लक्षित निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोप हैं. सऊदी अरब को एनएसओ के ग्राहकों में से एक बताया जाता है. इसके अलावा सूची में फ्रांस, हंगरी, भारत, अजरबैजान, कजाकिस्तान और पाकिस्तान सहित कई देशों के फोन हैं. इस सूची में मैक्सिको के सर्वाधिक फोन नंबर हैं. इसमें मैक्सिको के 15,000 नंबर हैं.
एमनेस्टी ने बताया कि उसके फोरेंसिक जांचकर्ताओं ने पता लगाया है कि 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के ठीक चार दिन बाद उनकी मंगेतर हातिस चंगीज के फोन में एनएसओ समूह के अपना पेगासस स्पाइवेयर सफलतापूर्वक डाला गया था। कंपनी को पहले खशोगी पर एक अन्य जासूसी मामले में आरोपी बनाया गया था. एनएसओ ग्रुप ने ‘एपी’ द्वारा पूछे गए सवालों का ईमेल के जरिए जवाब देते हुए इस बात से इनकार किया कि उसने "संभावित, पिछले या मौजूदा लक्ष्यों की कोई सूची" बना रखी है. एनएसओ ने एक अन्य बयान में ‘फारबिडन स्टोरीज’ की रिपोर्ट को "गलत धारणाओं और अपुष्ट सिद्धांतों से पूर्ण’’ बताया.
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