Plastic Pollution: 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा होगा प्लास्टिक, UN ने दी बड़ी चेतावनी
Plastic Pollution in Sea: समुद्र में प्लास्टिक कचरा तेजी से फैल रहा है जिससे समुद्री जीवों की बड़ी तादाद में मौत हो रही है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे लकेर बड़ी चेतावनी दी है.
Plastic Pollution in Ocean: वर्तमान समय में पूरी दुनिया आधुनिकता की भेंट चढ़ती चली जा रही है. इसके फलस्वरूप दुनियाभर में तेजी से हो रहा प्लास्टिक (Plastic) का इस्तेमाल एक दिन धरती पर पाए जाने वाली कुछ खास प्रजातियों के अंत का कारण बन सकता है. फिलहाल प्लास्टिक का दुनियाभर में अंधाधुंध उपयोग हो रहा है. इसके कारण आए दिन हजारों टन प्लास्टिक कचरा (Plastic Waste) निकल रहा है.
ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्लास्टिक को लेकर चिंता जाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेतावनी दी है कि 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा संख्या में होगी. दरअसल दुनियाभर में निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को पूरी तरह से रिसाइकल नहीं हो पा रहा है. ऐसे में ज्यादातर जगहों पर प्लास्टिक कचरा समुद्र में गिराए जाने के कारण समुद्रों में प्रदूषण का लेवल तेजी से बढ़ रहा है.
By 2050, there could be more plastic than fish in the ocean.
— United Nations (@UN) July 9, 2022
The time to #BeatPlasticPollution & #SaveOurOcean is NOW.
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समुद्र में प्रदूषण के बढ़ने के कारण दर साल समुद्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्या तेजी से कम हो रही है. यहीं कारण है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्लास्टिक उपयोग को कम करने और समुद्र में प्लास्टिक कचरे के कारण होने वाले प्रदूषण से सचेत करते हुए चेतावनी दी है कि 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक मिलेगा.
यहीं कारण है कि 27 जून 2022 से लेकर 1 जुलाई 2022 तक केन्या और पुर्तगाल की सरकारों की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें समुद्र में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने पर जोर दिया गया. बताया जा रहा है कि इस साल यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक सहयोग के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन की शुरुआत की जाएगी.
बता दें कि दुनियाभर में हर साल 30 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक (Plastic) का प्रोडक्शन किया जाता है. जिसमें हर साल 1 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा (Plastic Waste) समुद्रों (Ocean) में छोड़ दिया जाता है. वहीं समुद्री जीव इन माइक्रोप्लास्टिक को अपना भोजन समझकर खा लेते हैं. जिसके कारण हर साल 10 करोड़ समुद्री जीवों की मौत हो रही है.
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