United Nation General Assembly: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक बार यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया है. सोमवार को यूएनजीए में प्रस्ताव रखा गया कि हमले की वजह से यूक्रेन में जितना भी नुकसान हुआ है उसके लिए रूस को मुआवजा देना चाहिए. प्रस्वात पर यूएनजीए में वोटिंग कराई गई. कुल 94 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 14 ने इसके विरोध में मतदान किया. भारत सहित 73 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया.
यूरोपीय संघ ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र में यूरोपीय संघ के मिशन ने एक ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मान्यता दी है कि रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. 94 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया...यूएनजीए का यह संकल्प नुकसान का दस्तावेजीकरण करके तंत्र स्थापित करने और नुकसान के लिए उचित मुआवजे की सिफारिश करता है.
24 फरवरी से जारी है जंग
इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने वाले चेक गणराज्य ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण हुए उल्लंघनों और क्षति के लिए रूस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. बता दें कि इसी साल 24 फरवरी से रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान की शुरुआत की थी, जो अभी तक जारी है. दोनों देशों ने इस युद्ध में अपने हजारों सैनिक खो दिए हैं. मुख्य रूप से जंग में यूक्रेन को काफी नुकसान पहुंचा है. उधर, यूक्रेन में युद्ध ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को भी प्रभावित किया है और कच्चे तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है.
भारत की नीति स्पष्ट
भारत ने रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर शुरुआत से ही अपनी स्वतंत्र स्थिति बनाई हुई है. भारत यह भी कह चुका है कि वे युद्ध के समर्थन में ही नहीं है और मौजूदा वक्त तो बिल्कुल भी युद्ध के लिए सही नहीं है. हालांकि, भारत ने खुले तौर पर कभी भी रूस की निंदा भी नहीं की. यह बात जगजाहिर है कि भारत और रूस के संबंध काफी अच्छे हैं और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत अपनी विदेश नीति के तहत आगे बढ़ रहा है. भारत और रूस के बीच तेल व्यापार भी कई देशों की आंखों में खटकता है, जिस पर भारत अपनी पॉलिसी को कई बार स्पष्ट कर चुका है.