संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 50 मिनट का समय लिया जो 15 से 20 मिनट की तय समय-सीमा से काफी ज्यादा था. नेताओं से उम्मीद की जाती है कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सबसे व्यस्त समय में वे राष्ट्रीय बयान देते वक्त 15 से 20 मिनट से ज्यादा समय नहीं लेंगे.


संयुक्त राष्ट्र महासभा सभागार के मंच से करीब 50 मिनट तक दिए भाषण में इमरान खान ने परमाणु युद्ध का राग अलापते हुए आधा समय कश्मीर और भारत पर बोला. शुक्रवार को महासभा को संबोधित करने वाले नेताओं के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नंबर चौथा था और उन्होंने करीब 16 मिनट तक बोला जिसमें उन्होंने भारत के विकास एजेंडा और अन्य महत्त्वकांक्षी कार्यक्रमों पर संक्षेप में बोला.


संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र पर प्राप्त सूचना के मुताबिक सामान्य चर्चा में बयानों के लिए अपनी तरफ से 15 मिनट की समय-सीमा तय की जानी चाहिए. आज तक सबसे लंबा भाषण क्यूबा के फिदेल कास्त्रो ने महासभा के 872वें महाधिवेशन में 26 सितंबर, 1960 को दिया था. उन्होंने 269 मिनट का समय लिया था.


इमरान खान ने युद्ध राग अलापते हुए कहा कि यदि परमाणु शक्ति संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच टकराव हुआ तो उसके नतीजे उनकी सीमाओं से परे जाएंगे. इमरान खान ने कहा, ‘‘यदि दोनों देशों के बीच पारंपरिक युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है. एक देश, जो अपने पड़ोसी से सात गुना छोटा है, उसके समक्ष यह परिस्थिति है..या तो आप आत्मसमर्पण कर दे या आप अपनी स्वतंत्रता के लिए मृत्युपर्यन्त लड़ता रहे.’’


पाक के पीएम ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में उनका देश लड़ेगा. ‘‘और जब एक परमाणु हथियार क्षमता संपन्न देश अंत तक लड़ता है तो इसके नतीजें सीमाओं से परे चले जाते हैं..इसके विश्व के लिए नतीजें होंगे...मैं आपको आगाह कर रहा हूं, यह कोई खतरा नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस दिशा में आगे बढ़ें, इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की एक जिम्मेदारी है. इसी कारण से संयुक्त 1945 में अस्तित्व में आया था. उम्मीद की जाती है कि आपको इसे होने से रोकना है.’’