युनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन्स फंड (यूनिसेफ) ने सचेत किया है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण हेल्थ सिस्टम कमजोर हो जाने और नियमित सेवाएं बाधित हो जाने के कारण आने वाले 6 महीने में रोजाना करीब 6,000 ज्यादा बच्चों की ऐसे कारणों से मौत हो सकती है, जिन्हें रोका जा सकता है.


यूनिसेफ ने कहा है कि पांचवां जन्मदिन मनाने से पहले विश्वभर में मारे जाने वाले बच्चों की संख्या में दशकों में पहली बार बढ़ोतरी होने की आशंका है. यूनिसेफ ने इस वैश्विक महामारी से प्रभावित बच्चों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए 1.6 अरब डॉलर की मदद मांगी है.


यूनिसेफ ने कहा कि यह स्वास्थ्य समस्या‘‘तेजी से बाल अधिकार संकट बनता जा रहा है और तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो पांच साल से कम उम्र के और 6,000 बच्चों की रोजाना मौत हो सकती है.’’


अगले 6 महीनों में 56 हजार से ज्यादा मांओं की मौत की आशंका
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोरे ने मंगलवार को कहा, ‘‘स्कूल बंद हैं. अभिभावकों के पास काम नहीं है और परिवार चिंतित हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हम कोविड-19 के बाद की दुनिया की कल्पना कर रहे हैं, ऐसे में ये फंड संकट से निपटने और इसके प्रभाव से बच्चों की रक्षा करने में हमारी मदद करेंगे.’’


रोके जा सकने जाने वाले कारणों से अगले छह महीने में 6,000 और बच्चों की मौत का अनुमान अमेरिका स्थित ‘जॉन्स हॉप्किन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के रिसर्चर्स के विश्लेषण पर आधारित है. यह विश्लेषण बुधवार को ‘लैंसेट ग्लोबल हेल्थ’ मैगजीन में प्रकाशित हुआ.


फोरे ने कहा कि सबसे खराब बात यह है कि पांचवें जन्मदिन से पहले मारे जाने वाले बच्चों की संख्या ‘‘दशकों में पहली बार’’ बढ़ सकती है. इसके अलावा छह महीनों में करीब 56,700 और मांओं की मौत हो सकती है.


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