Four Marriage in Islam: UCC पर भारत में छिड़ी बहस, क्या इस्लाम में है 4 शादियों की इजाजत? जानिए किन-किन देशों में कायम है बहुविवाह प्रथा
Four Wives In Muslim: पीएम मोदी के UCC पर दिए गए बयान से भारत में तीन तलाक और बहुविवाह पर फिर बहस छिड़ गई है. आइए उन मुस्लिम देशों को जानते हैं जिनका हवाला देकर पीएम ने इन प्रथाओं को गैरजरूरी बताया.
Polygamy And Triple Talaq in Muslim Countries: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की वकालत करके सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. मोदी ने कहा कि विपक्षी दल UCC के मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं. हमें ध्यान रखना चाहिए कि संविधान भी देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है. ऐसे में तीन तलाक (Triple Talaq), चार-चार शादियों (Polygamy) जैसी कुरीतियां खत्म होनी चाहिए. पीएम मोदी ने हवाला दिया कि "मुस्लिम देशों में भी तीन तलाक बैन है, तो यहां क्यों ऐसा नहीं हो सकता. एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा, तो घर चल पायेगा क्या? दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा."
अब सवाल उठता है कि वो कौन-से इस्लामिक देश हैं, जहां मुसलमानों को चार शादियों की इजाजत है और किन-किन मुस्लिम देशों में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है? क्या मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए केवल भारत में ही चार-चार शादियां करते हैं? आइए यहां ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
मुस्लिम-बहुल 57 देशों में से प्रमुख देशों में यह प्रथा प्रतिबंधित हुई
इस्लाम अपनी स्थापना के बाद से अब तक 150 से अधिक देशों में फैल चुका है. घोषित तौर पर, 50 से ज्यादा देशों ने खुद को इस्लामिक देशों के समूह OIC से जोड़ा और कई ने तो नाम में ही 'इस्लाम' या 'इस्लामिक' जोड़ लिया. OIC का फुलफॉर्म- इस्लामिक सहयोग संगठन है, जिसके अब तक 57 देश सदस्य बन चुके हैं. इसके नेताओं का दावा है कि यह संगठन संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका हर मुस्लिम-बहुल देश हिस्सा है. इस्लाम से संबंधित कोई भी डिस्कशन OIC में होता है और आमतौर पर सभी देश उसके फैसले अपने यहां लागू करते हैं.
सख्त कायदे-कानून वाले इस्लामिक देशों में भी 3 तलाक बैन
तीन तलाक की बात करें तो OIC के प्रमुख सदस्य देशों ने इस प्रथा को अपने यहां प्रतिबंधित कर दिया है. बांग्लादेश, मलेशिया, अल्जीरिया, जॉर्डन, इराक, ब्रुनेई, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, कुवैत और मोरक्को जैसे देश भी उन मुस्लिम देशों में से हैं, जो इस प्रथा से असहमत हुए और उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगा दिया. दिलचस्प बात यह है कि मिस्र पहला देश था जिसने 1929 में इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाया था. इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत सरकार ने भी कदम उठाया.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में भी प्रतिबंध
भारत में 13 मई 2017 को, अपने अंतिम फैसले से पहले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल तीन तलाक देने की प्रक्रिया को "विवाह-तोड़ने का सबसे खराब तरीका" बताया. कोर्ट की ओर से कहा गया कि यह प्रथा सऊदी अरब, मोरक्को, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम-बहुल देशों में भी प्रतिबंधित है. तीन तलाक के अलावा दूसरा बड़ा मुद्दा है- इस्लाम में एक से अधिक शादी अथवा चार-चार शादियां. भारतीय मुल्ला-मौलवी कहते हैं कि कोई भी मुस्लिम पुरुष चार-चार औरतों से निकाह कर सकता है, लेकिन कोई औरत चार-चार पुरुषों से निकाह नहीं कर सकती. ऐसे में, मुसलमान मर्दों के एक से अधिक शादी का मामला काफ़ी विवादित रहा है.
इन देशों में कई-कई शादियों की प्रथा पर है रोक
कई मुस्लिम देशों जैसे तुर्की और ट्यूनीशिया, जहाँ बहुपत्नीत्व पर प्रतिबंध है, वहीं मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक, यमन, मोरोक्को, पाकिस्तान और बांग्लादेश में दूसरी शादी प्रशासन या अदालत के अधीन है. यह बात भारत में विधि आयोग ने विधि मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताई थी, विधि आयोग कहा था कि दूसरी शादी करना 'इस्लाम के सच्चे क़ानून की आत्मा के खिलाफ है. साथ ही जो ये आम समझ है कि भारत में मुसलमानों का कानून उन्हें चार पत्नियाँ रखने की इजाजत देता है, गलत है.'
क्या इस्लाम में चार-चार शादियों की इजाजत है
पारंपरिक सुन्नी और शिया इस्लामी वैवाहिक विधिशास्त्र (Islamic Marital Jurisprudence) मुस्लिम पुरुषों को कई महिलाओं से निकाह करने की अनुमति देता है, इस प्रथा को भारत में बहुविवाह कहा जाता है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया से जुड़े प्रोफेसर जुनैद हारिस के मुताबिक, इस्लाम में एक से अधिक शादी की इजाजत जरूर दी गई है लेकिन न इसे अनिवार्य बनाया गया है और न ही इसे बढ़ावा देने की बात कही गई है, बल्कि इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. चार शादी वो पुरुष कर सकता है, जो अपनी बीवियों के बीच इंसाफ़ और उनके अधिकार को पूरा कर सकता है. वो कहते हैं कि इस्लाम इस बात की इजाजत नहीं देता कि जो चाहे इस सुविधा का गलत इस्तेमाल करे.
- शरिया (लॉ) के अनुसार, मुसलमानों को बहुविवाह करने की इजाजत है. हालांकि, कोई पुरुष अधिकतम चार पत्नियाँ तभी रख सकता है जब उसे गैर-विवाहित अनाथ लड़कियों के साथ अन्याय होने का डर हो.
- भारत में मुस्लिम विवाह कानूनों के अनुसार, एक पुरुष 4 पत्नियाँ रख सकता है, लेकिन एक महिला एक समय में केवल एक ही पति रख सकती है.
ईरान और पाकिस्तान जैसे देशों में कोई पुरुष यदि दूसरी शादी करना चाहता है तो उसे अपनी पहली पत्नी से इजाजत लेनी होती है और फिर अपनी पहली पत्नी की सहमति का अदालती सबूत दिखाना होता है. वहीं, मलेशिया में एक व्यक्ति को दूसरा निकाह करने के लिए अपनी पत्नी और सरकारी प्राधिकरण दोनों से अनुमति लेनी होगी.
इन देशों में बहुविवाह प्रतिबंधित
- मिस्र (1920)
- सूडान (1929)
- अल्जीरिया
- जॉर्डन (1951)
- सीरिया (1953)
- मोरक्को (1958)
- बांग्लादेश
- इराक़ (1959)
- ईरान (1967, 1975)
- कुवैत
- लेबनान
सोर्स- Oxfordislamicstudies.com
किन देशों में मुस्लिमों को एक से ज्यादा शादियों की इजाजत
1. अफगानिस्तान
2. अल्जीरिया
3. पाकिस्तान
4. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
5. कैमरून
इनके अलावा भारत, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर में सरकारें बहुविवाह को मान्यता देती हैं, लेकिन केवल मुसलमानों के लिए. ऑस्ट्रेलिया में, बहुपत्नी विवाह गैरकानूनी है, इसी तरह इंग्लैंड और वेल्स में भी किसी का बहुविवाह करना गैरकानूनी है.