नई दिल्ली: यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) अपनी दौलत की नुमाइश और शोहरत के भूख के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. बादलों को छूती वहां की इमारतों के किस्से पूरी दुनिया में सुनाए जाते हैं. दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा भी यूएई की जमीं पर ही तामीर है, जो दुबई की शान बढ़ाती है. जहां एक तरफ जमीन पर यूएई ने अपने झंडे बुलंद किए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ अब उसकी नजर जमीं से करोड़ों मील दूर मंगल ग्रह पर है. अब यूएई साल 2117 तक मंगल ग्रह पर दुनिया बसाने की जुगत में लगा हुआ है.


सौ सालों के भीतर मंगल ग्रह पर बसेगी इंसानों की दुनिया


यूएई के उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद ने मंगलवार को कहा कि सौ सालों के भीतर मंगल ग्रह पर पहली सिटी बनाई जाएगी और इंसानी दुनिया को बसाया जाएगा. राशिद ने कहा कि यूएई ने तय किया है कि वह लोगों को मंगल ग्रह पर बसाएगा. खबरों के मुताबिक मंगल ग्रह पर बसाए जाने वाले सिटी का क्षेत्रफल शिकागो शहर जितना बड़ा होगा और वहां छह लाख लोगों के बसाएं जाने की योजना है.


मंगल तक पहुंचने के लिए तेज ट्रांस्पोर्टेशन की व्यवस्था पर विचार 


गल्फ न्यूज के अनुसार 138 देशों की सरकार और दुनिया की प्रमुख कंपनियों की मौजूदगी में यह घोषणा की. यूएई ने कहा कि वह उन तमाम बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करेगी, जिससे मंगल पर लोगों को बसाने का काम आसानी से पूरा किया जा सके. यूएई की योजना है कि एक ऐसे यातायत माध्यम को विकसित करने किया जाए, जो कम से कम समय में धरती से मंगल ग्रह की दूरी को तय कर सके. यूएई का कहना है कि इस योजना को सबसे पहले यहां के वैज्ञानिकों द्वारा शुरु किया जाएगा. आगे चलकर विदेश के वैज्ञानिकों को भी इस मुहिम में शामिल किया जाएगा.


सपने को हकीकत में बदलने के लिए यूएई करेगा तैयारियां


इंसानी दुनिया को मंगल ग्रह पर बसाने के सपने को हकीकत बनाने के लिए यूएई एक नेशनल टीम का गठन करने पर भी विचार कर रही है. जो इस सपने को हकीकत में बदलने में मदद करेगा. इतना ही नहीं इस 100 साल की इस योजना के तहत यूएई के यूनिवर्सिटी में स्पेस साइंस से जुड़ी विषयों पर रिसर्च शुरु करने की भी तैयारी है. जिसका उद्देश्य वहां के युवाओं के भीतर अंतरिक्ष को लेकर रोचकता पैदा करना है.


आपको बता दें कि बुर्ज खलीफा के अलावा यूएई की धरती पर कई ऐसी इमारतें है जो अपनी भव्यता के लिए मशहूर है. जिसमें बुर्ज अल अरब और दुबई क्रीक शामिल है.