'विकीलीक्स' के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा. जिला न्यायाधीश वैनिसा बाराइस्टर लंदन स्थित 'सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट' में फैसला सुनाया है.


असांजे पर एक दशक पहले अमेरिकी सेना के गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करने को लेकर जासूसी का आरोप है. इस मामले पर तीन हफ्ते से सुनवाई चल रही थी. अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाए हैं. एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है.


असांजे की परेशानियां तब शुरू हुई थी जब 2010 में स्वीडन के आग्रह पर लंदन में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. स्वीडन दो महिलाओं द्वारा लगाए गए रेप और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था.


स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे 2012 में लंदन स्थित इक्वेडोर के दूतावास में शरण ली थी. इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए.


अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. स्वीडन ने नवंबर 2019 में यौन उत्पीड़न के आरोप वापस ले लिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा समय लग गया था. लेकिन असांजे लंदन की जेल में ही रहे और प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के लिए उन्हें जेल की वैन से अदालत लाया गया था.