Azerbaijan-Armenia Row: अजरबैजान के नागोर्नो-काराबाख पर कब्जे के बाद 1 लाख शरणार्थी पहुंचे अर्मेनिया, जानें कैसे हैं हालात
Azerbaijan-Armenia: नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्र अजरबैजानी सेना के नियंत्रण में आ चुके हैं. इसके बाद काराबाख के 120,000 अर्मेनियाई लोगों पलायन शुरू कर दिया.
Azerbaijan-Armenia Row: संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) पर नियंत्रण वापस लेने के लिए अजरबैजान के सैन्य अभियान के बाद से 1 लाख से अधिक शरणार्थी आर्मेनिया पहुंचे हैं. वहीं हजारों की संख्या में लोगों को भारी ट्रैफिक के कारण सीमा पर कई घंटों की देरी का सामना करना पड़ा.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फिलिप्पो ग्रैंडी ने शुक्रवार (29 सितंबर) को देर रात सोशल मीडिया जानकारी दी, "कई आर्मेनियाई लोग भूखे हैं, थके हुए हैं और उन्हें तत्काल सहायता की जरूरत है. अंतरराष्ट्रीय मदद की तत्काल आवश्यकता है." इटली ने कहा कि आर्मेनिया ने शरणार्थियों से निपटने में मदद के लिए यूरोपीय संघ से अस्थायी आश्रय और चिकित्सा आपूर्ति मांगी है.
आर्मेनिया की ओर जाने वाले रास्ते में फंसे
नागोर्नो-काराबाख से अर्मेनियाई लोगों की पलायन पर रिपोर्टिंग करने वाले एक स्वतंत्र पत्रकार सिरनुश सरगस्यान ने रॉयटर्स को बताया कि हजारों लोग अपने सामानों को कारों, ट्रकों और ट्रैक्टरों में भरकर आर्मेनिया की ओर जाने वाले पहाड़ी राजमार्ग पर फंस गए थे. सर्गस्यान ने जानकारी दी कि कई लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है. "जैसा कि आप देख सकते हैं, हम अभी भी सड़क पर फंसे हुए हैं. ये पलायन पहले से ही शारीरिक रूप से असहनीय है क्योंकि हम पहले ही इस सड़क पर 16 घंटे बिता चुके हैं. ऐसा लगता है कि अगले 24 घंटों में भी हम बॉर्डर तक नहीं पहुंच पाएंगे."
Over 100,000 refugees have now arrived in Armenia from Karabakh.
— Filippo Grandi (@FilippoGrandi) September 29, 2023
Many are hungry, exhausted and need immediate assistance.
UNHCR and other humanitarian partners are stepping up their support to the Armenian authorities, but international help is very urgently required.
अज़रबैजानी सेना से डर रहे अर्मेनियाई
अज़रबैजानी सेना के हमले के बाद नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्र अज़रबैजानी सेना के नियंत्रण में आ चुके हैं. इसके बाद काराबाख के 120,000 आर्मेनियाई लोगों में से कई सारे आर्मेनिया की ओर बड़े पैमाने पर पलायन शुरू कर दिया, उन्होंने कहा कि उन्हें अज़रबैजान के सुरक्षा के वादों के बावजूद उत्पीड़न का डर है. नागोर्नो-काराबाख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन यहां मुख्य रूप से आर्मेनियाई ईसाई रहते हैं, जिन्होंने सोवियत संघ के पतन के बाद एक खूनी जातीय संघर्ष के बाद तीन दशक पहले स्व-घोषित आर्टसख गणराज्य की स्थापना की थी.
अजरबैजान ने आर्मेनिया पर लगाया आरोप
एक आर्मेनियाई व्यक्ति ने कहा कि दुनिया को कभी भी यह विश्वास नहीं करना चाहिए कि हम स्वेच्छा से आर्टाख छोड़ रहे हैं. हमने अपने देश की रक्षा के लिए खून की बलि देकर अंत तक लड़ाई लड़ी है. वहीं अजरबैजान ने कहा कि उसका एक सैनिक सीमावर्ती जिले कलबजार में अर्मेनियाई बलों के स्नाइपर फायर से मारा गया, लेकिन आर्मेनिया ने घटना से इनकार किया है.