UN Report On Hunger: संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nation) की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में भुखमरी (Hunger) और इससे संबंधित कारणों से रोजाना 25 हजार लोग दम तोड़ रहे हैं. इसमें सबसे अधिक तादाद बच्चों की है. यूएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि हर रोज दस हजार बच्चे भूख के कारण अपनी जान गवा रहे हैं. वहीं रिपोर्ट में दुनियाभर में लगभग 854 मिलियन लोगों के कुपोषित (Malnourished) होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही ऐसा अनुमान लगाया गया है कि खाद्य पदार्थों तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण यह संख्या जल्द ही 100 मिलियन के आकड़े को छू लेगी. रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी गरीब, विस्थापित आबादी, ग्रामीण भूमिहीन समेत अधिकांश छोटे किसानों पर सबसे अधिक कुपोषण का शिकार होने का खतरा मंडरा रहा है. 


दुनिया पर छाए भूखमरी के इस संकट को लेकर यूएन ने दावा किया है कि बीते दो दशकों के दौरान जनसंख्या वृद्धि, आय में सुधार और आहार के विविधीकरण ने भोजन की मांग में लगातार वृद्धि की है. 2000 से पहले, बड़े पैमाने पर रिकॉर्ड फसल के माध्यम से, खाद्य कीमतों में गिरावट आई थी.  हालांकि, इसी समय कृषि में सार्वजनिक और निजी निवेशऔर विशेष रूप से मुख्य भोजन के उत्पादन में कमी आई. जिसके कारण अधिकांश विकासशील देशों में फसल की पैदावार स्थिर या घट गई. 


रिपोर्ट में खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई तेजी के पीछे का एक अन्य कारण शहरीकरण के लिए कृषि भूमि को गैर-कृषि उपयोगों में परिवर्तित करने की होड़ को बताया गया है. परिणामस्वरूप कम खाद्य कीमतों ने किसानों को वैकल्पिक खाद्य और गैर-खाद्य फसलों में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया है. 


UN ने तत्काल कार्रवाई पर दिया जोर


UN ने अपनी इस नई रिपोर्ट में वैश्विक खाद्य संकट पर चिंता जताई है. रिपोर्ट में उन देशों व क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहाँ खाद्य संकट की गम्भीरता, स्थानीय संसाधनों व क्षमताओं से कहीं अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि बीते दो सालों में कोरोना महामारी के कारण लोगों के कामकाज पर इसका बुरा असर पड़ा है. दुनियाभर में करोड़ों लोग बेरोजगारी का शिकार हुए हैं. ऐसे में इन लोगों को बचाने और भुखमरी से होने वाली मौतों को टालने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है. 


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