जिनेवा: कोरोना संकट को लेकर अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन में ठनी हुई है. अमेरिका की ओर से लगातार ये कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस चीन के लैब में बना लेकिन एक बार फिर WHO ने अमेरिका के दावे को खारिज किया है. WHO का कहना है कि अमेरिका ने कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर अपने दावे को लेकर कोई सबूत पेश नहीं किया है. अगर अमेरिका के पास कोई सबूत है तो वो जारी करे. WHO ने फिर कहा है कि हमारे हिसाब से कोरोना वायरस प्राकृतिक है इसे लैब में नहीं बनाया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के माइकल रेयान ने कहा, ‘‘हमारे नजरिए से यह केवल काल्पनिक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वायरस की कथित उत्पत्ति के संबंध में हमें अमेरिकी सरकार से कोई डेटा या विशिष्ट सबूत नहीं मिले हैं.’’ उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अमेरिका से ऐसी कोई भी जानकारी हासिल करने को ‘‘इच्छुक’’ है. ट्रम्प प्रशासन ने चीन और संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी दोनों पर आरोप लगाया था कि वायरस के सबसे पहले वुहान में उत्पन्न होने के बाद इससे निपटने के लिए उन्होंने उचित कदम नहीं उठाए. कोविड-19 से दुनिया भर में लाखों लोग संक्रमित हैं और कम से कम 2,39,000 लोगों की जान गई है. वहीं ट्रम्प ने शुक्रवार को यह भी कहा था कि डब्ल्यूएचओ ‘‘ चीन की जनसम्पर्क एजेंसी की तरह है’’.
रेयान ने एक बार फिर दोहराया की संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी को मिले सबूत और जानकारी के अनुसार कोविड- 19 प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुआ है. ट्रम्प और पोम्पिओ का कहना है कि उनके पास वायरस के वुहान की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला में उत्पन्न होने के सबूत हैं. रेयान ने कहा, ‘‘अगर डेटा और सबूत मौजूद हैं, तो अब यह अमेरिका पर निर्भर करता है कि इसे कब साझा करना है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन डब्ल्यूएचओ के लिए इस खास संदर्भ में बिना जानकारी के काम करना मुश्किल है.’’ पोम्पिओ ने रविवार को एबीसी के ‘दिस वीक’ कार्यक्रम में कहा था, “इस बात के अच्छे खासे साक्ष्य हैं कि यह वुहान की प्रयोगशाला से आया.”
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