UN Halts Programs in Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान शासन की ओर से महिलाओं पर पाबंदियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है. इसके साथ ही यूएन ने तालिबान शासन को ऐसा न करने की चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने गैर सरकारी संगठनों में महिलाओं पर प्रतिबंध के बाद अफगानिस्तान में कई कार्यक्रमों को भी रोक दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान में कुछ कार्यक्रम अस्थायी रूप से बंद हो गए हैं.


संयुक्त राष्ट्र (UN) ने चेतावनी दी है कि महिला सहायता कर्मियों पर तालिबान के नेतृत्व वाले प्रशासन की ओर से प्रतिबंध के कारण कई दूसरी गतिविधियों को भी रोकने की जरूरत पड़ सकती है.


संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान को दी चेतावनी


संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुख और कई सहायता समूहों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि महिलाओं की सहायता वितरण में भागीदारी नहीं है. महिलाओं की भागीदारी को जारी रखा जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान शासन से अपने फैसले को बदलने की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से बयान में कहा गया, “महिलाओं को मानवीय कार्यों से प्रतिबंधित करना सभी अफगानों के लिए जीवन को खतरे में डालना है. महिला कर्मचारियों की कमी के कारण पहले से ही कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है''. 


ऑपरेशनल बाधाओं को दूर करेंगे- यूएन


संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स और कई हेल्प ग्रुप की ओर से बयान में आगे कहा गया, ''हम एक ह्यूमैनिटेरियन कम्युनिटी के रूप में सामने आने वाली ऑपरेशनल बाधाओं को अनदेखा नहीं कर सकते हैं. हम जीवन रक्षक और महत्वपूर्ण गतिविधियों को जारी रखने का प्रयास करेंगे लेकिन हम देखते हैं कि कई गतिविधियों को रोकने की जरूरत होगी क्योंकि हम महिला सहायता कर्मियों के बिना सैद्धांतिक मानवीय सहायता उपलब्ध नहीं करा सकते हैं. कोई भी देश अपनी आधी आबादी को समाज में योगदान देने से बाहर नहीं कर सकता है."


अकाल और आर्थिक संकट


संयुक्त राष्ट्र के बयान में कहा गया है कि महिला सहायता कर्मियों पर प्रतिबंध ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान में 28 मिलियन से अधिक लोगों को जीवित रहने के लिए सहायता की जरूरत है. मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान अकाल की स्थिति, आर्थिक संकट, गंभीर गरीबी और ठंड के जोखिम से जूझ रहा है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां ​​और सहायता समूह, जिनमें वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल, केयर इंटरनेशनल, सेव द चिल्ड्रन यूएस, मर्सी कॉर्प्स और इंटरएक्शन शामिल हैं. सभी ने महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को स्वतंत्र, सैद्धांतिक, जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहने का संकल्प लिया है.


कॉलेज की पढ़ाई पर भी प्रतिबंध


शनिवार (24 दिसंबर) को तालिबान (Taliban) के नेतृत्व वाले प्रशासन की ओर से महिला सहायता कर्मियों पर प्रतिबंध की घोषणा की गई थी. इससे पहले तालिबान शासन ने ड्रेस कोड फॉलो न करने का हवाला देते हुए यूनिवर्सिटी में लड़कियों की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस फैसले का छात्रों और प्रोफेसर्स ने भी विरोध किया था. वहीं, इस मार्च में लड़कियों को हाई स्कूल में जाने से रोक दिया था. बता दें कि तालिबान ने पिछले साल अमेरिकी सैनिकों के वापस जाने के बाद अगस्त में सत्ता पर कब्जा कर लिया था और उदार शासन का वादा किया था.


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