Kailasa Geneva Meeting: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसमें भारतीय भगोड़े नित्यानंद की ओर से तथाकथित 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (यूएसके)' की प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भाषण दे रही हैं. अब इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र ने अपना पक्ष रखा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि काल्पनिक देश कैलासा की प्रतिनिधि की बातों को नज़रअंदाज़ किया जाएगा. पिछले सप्ताह जिनेवा की सार्वजनिक सभाओं में कैलासा के प्रतिनिधि द्वारा दी गई दलील 'अप्रासंगिक' है.
अपनी दो सार्वजनिक बैठकों में तथाकथित ‘यूएसके प्रतिनिधियों’ की भागीदारी की पुष्टि करते हुए मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने कहा कि उन्हें प्रचार सामग्री वितरित करने से रोका गया था और उनके भाषण पर ध्यान नहीं दिया गया. इस सार्वजनिक बैठक में सभी के लिए रजिस्ट्रेशन खुला था.
OHCHR के प्रवक्ता की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरों के वायरल होने के बाद आई है, जिसमें यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के एक प्रतिनिधि को स्वदेशी अधिकार और सतत विकास पर काल्पनिक देश की ओर से बोलते हुए देखा गया है. दोनों कार्यक्रम 22 और 24 फरवरी को आयोजित किए गए थे.
ओएचसीएचआर के प्रवक्ता ने उनकी भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ऐसे सार्वजनिक आयोजनों के लिए पंजीकरण एनजीओ और आम जनता के लिए खुला होता है. कोई भी संधि निकायों को जानकारी प्रस्तुत कर सकता है, जो प्राप्त अभिवेदनों की विश्वसनीयता निर्धारित करने के लिए अपने निर्णय का उपयोग करता है.
भारत में बलात्कार का आरोपी है नित्यानंद
भगोड़ा नित्यानंद भारत में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कई आरोपों में वांछित है, हालांकि हमेशा से वह इन आरोपों का खंडन करता रहा है. जेल जाने के डर से वह रातोंरात भारत छोड़कर भाग गया था और उसने अपना अलग देश बनाने का दावा किया था.
ऐसे बनाया था ‘कैलासा’
भगोड़ा नित्यानंद 2019 में भारत छोड़ भाग गया था. इसके बाद उसने एक द्वीप पर ‘कैलासा’ नामक स्थान पर अपना आश्रम स्थापित किया. वाकई में कैलासा कहां है इस बात की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. लेकिन नित्यानंद ने यहां अपना अलग साम्राज्य बना रखा है. सिर्फ इतना ही नहीं, उसने कैलासा का अपना पासपोर्ट, झंडा बना रखा है. इसके साथ ही नित्यानंद का अपना ‘रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा’ नामक एक बैंक भी है.