रोहिंग्या के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोके म्यांमार: यूएन महासचिव एंटोनियो गुतारेस
गुतारेस ने कहा कि उन्होंने सू ची के उस संकल्प पर गौर किया जिसमें उन्होंने कहा है कि वे पूर्व यूएन प्रमुख कोफी अन्नान की उस रिपोर्ट की सिफारिशों का पालन करेंगी जिसमें रोहिंग्या लोगों को नागरिकता देने की वकालत की गई है.
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने म्यांमार से कहा कि वह रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ अपना सैन्य अभियान रोक दे. बताते चलें कि आंग सान सू ची अपने भाषण से अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को शांत करने में असफल रहीं थी.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक को संबोधित करते हुए गुतारेस ने कहा कि उन्होंने सू ची के उस संकल्प पर गौर किया जिसमें उन्होंने कहा है कि वे पूर्व यूएन प्रमुख कोफी अन्नान की उस रिपोर्ट की सिफारिशों का पालन करेंगी जिसमें रोहिंग्या लोगों को नागरिकता देने की वकालत की गई है.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि म्यांमार के अधिकारी सैन्य अभियानों को खत्म करें और लोगों तक अबाध मानवीय सहायता पहुंचने दें.’’ हिंसा के बाद से म्यांमार के उत्तरी राखाइन प्रांत से 4,20,000 रोहिंग्या लोग भागने को मजबूर हुए हैं. इसे संयुक्त राष्ट्र ने ‘जातीय सफाया’ बताया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए सू ची ने कहा था कि रोहिंग्या आतंकियों के हमलों की प्रतिक्रिया में सेना का ‘सफाए का अभियान’ पांच सितंबर को खत्म हो चुका है. उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि राखाइन प्रांत अब भी जल रहा है. सू ची ने कहा था, ‘‘मुस्लिमों के 50 फीसदी गांव अब भी जस के तस हैं.’’