उत्तर कोरिया की ओर से लगातार मिसाइल टेस्ट का दोषी कौन? संयुक्त राष्ट्र में एक हुए रूस-चीन, अमेरिका पड़ा अकेला
चीन और रूस ने उत्तरी कोरिया को भड़काने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया की ओर से चलाए जा रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास को दोषी ठहराया.
United Nations Security Council Meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सोमवार (20 मार्च) को एक बैठक हुई. इस दौरान उत्तर कोरिया की ओर से दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च और परमाणु हथियार के लिए किसे दोषी ठहराया जाए, इस बात पर संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस ने बहस की.
उत्तरी कोरिया ने 16 मार्च को अपनी सबसे बड़ी ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया था. इसे लेकर 15 सदस्यीय परिषद की बैठक हुई. बता दें कि उत्तर कोरिया 2006 से अपने मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन है.
फिर आमने-सामने दिखे रूस और अमेरिका
बहस के दौरान चीन और रूस ने उत्तरी कोरिया को भड़काने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया की ओर से चलाए जा रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास को दोषी ठहराया, जबकि अमेरिका ने बीजिंग और रूस को उत्तर कोरिया को अधिक प्रतिबंधों से बचाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया. संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक में कहा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस "उन विभाजनों पर गहराई से चिंतित हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस मामले पर कार्रवाई करने से रोका है."
रूस और चीन ने अमेरिका पर उठाए सवाल
रूस के उप संयुक्त राष्ट्र राजदूत अन्ना एवेस्टिग्निवा ने अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सैन्य गतिविधि को अभूतपूर्व बताया, जबकि चीन के उप संयुक्त राष्ट्र राजदूत गेंग शुआंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वे रक्षात्मक अभ्यास थे. उन्होंने इस अभ्यास को तनाव बढ़ाने के लिए दोषी ठहराया.
उत्तरी कोरिया पर कार्रवाई को लेकर बंटी परिषद
बता दें कि उत्तरी कोरिया से निपटने के तरीके को लेकर पिछले कई साल से परिषद बंटी हुई है. रूस और चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ वीटो शक्तियों ने कहा है कि अधिक प्रतिबंधों से मदद नहीं मिलेगी और वे चाहते हैं कि ऐसे उपायों को कम किया जाए. थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को हटाने से उत्तरी कोरिया को "सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करने की मजबूरी भी नहीं रहेगी.
रूस ने अमेरिका-ब्रिटेन के कार्यक्रम पर भी उठाए सवाल
रूस और चीन ने एक बार फिर AUKUS नामक एक सुरक्षा समझौते पर परमाणु चिंताओं को उठाया, जो ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के साथ एक परमाणु-संचालित पनडुब्बी कार्यक्रम को विकसित करेगा. अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ने इन चिंताओं को खारिज कर दिया और परिषद को बताया कि AUKUS परमाणु हथियार संधि के अप्रसार का उल्लंघन नहीं करता है.
ब्रिटेन के उप-संयुक्त राष्ट्र राजदूत जेम्स करियुकी ने परिषद को बताया, "उत्तर कोरिया के अवैध परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं, इसलिए AUKUS से कोई तुलना नहीं है."
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