UN To China On Uyghur Muslim: संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने चीन से अपने शिनजियांग (Xinjiang) क्षेत्र में हिरासत में रखे गए लोगों को रिहा करने का आग्रह किया है. साथ ही ये सिफारिश भी की है कि वह पीड़ितों को "उपाय और क्षतिपूर्ति" प्रदान करे. समिति के बयान से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन पर अगस्त में वैश्विक निकाय के मानवाधिकार प्रमुख की एक रिपोर्ट के बाद सुधारों को लागू करने का दबाव बढ़ गया है, जिसमें कहा गया है कि उइगर और अन्य मुसलमानों के साथ इसका व्यवहार मानवता के खिलाफ अपराध हो सकता है.


अधिकार समूहों ने बीजिंग पर मुख्य रूप से मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक उइगरों के खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया है, जिनकी संख्या शिनजियांग में लगभग 10 मिलियन है. हालांकि, चीन किसी भी अधिकार के हनन से इनकार करता है. जिनेवा में राजनयिक मिशन में चीनी प्रवक्ता, लियू युयिन ने कहा कि बीजिंग संयुक्त राष्ट्र समिति के कदम का दृढ़ता से विरोध करता है. 


'कलंकित और बदनाम करने की साजिश'


चीनी प्रवक्ता ने कहा, "पश्चिमी देशों और चीन विरोधी अलगाववादी ताकतों द्वारा गढ़ी गई गलत सूचनाओं के आधार पर चीन के मानवाधिकारों की स्थिति को कलंकित और बदनाम करता है." उल्लेखनीय है कि 18 सदस्यीय समिति नस्लीय भेदभाव पर 1965 के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के देशों के अनुपालन की नियमित रूप से निगरानी करती है, जिसमें चीन और लगभग 180 अन्य देश शामिल हैं.


समिति ने चीन में मानवाधिकारों की स्थिति पर उठाए सवाल


समिति ने अपने बयान में ये भी कहा कि "शिनजियांग में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार की कमी" ने सिफारिशों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिसे निर्णय के रूप में जाना जाता है. दस्तावेज में चीन को "राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और (शिनजियांग) में अल्पसंख्यक अधिकारों को नियंत्रित करने वाले अपने कानूनी ढांचे की पूर्ण समीक्षा करने" के लिए भी कहा गया है, ताकि सम्मेलन के अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सके.


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