कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी- महामारी के कारण प्रभावित हो रहा शिशु टीकाकरण
WHO का कहना है कि सामान्य टीकाकरण नहीं हो पाने के कारण बच्चों के बीमारियों से मरने का खतरा कोविड-19 के मुकाबले ज्यादा है, जबकि इनसे बचा जा सकता था.
डकार (सेनेगल): संयुक्त राष्ट्र ने कोविड-19 के कारण शिशु टीकाकरण में बड़े पैमाने पर आ रही कमी को लेकर बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि आज जन्म लेने वाले बच्चे को पांच साल की उम्र तक आते-आते सभी जरुरी टीके लग जाएंगे इसकी संभावना 20 प्रतिशत से भी कम है. दुनियाभर में कोरोना वायरस के कारण अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने के दावे किए गए हैं.
82 देशों के सर्वे में मिली जानकारी
यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और गावी द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, जिन 82 देशों में सर्वे किया गया, उनमें से ज्यादातर में कोरोना वायरस महामारी के कारण टीकाकरण अभियान प्रभावित हुआ है.
गावी, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा साझेदारी में शुरू किया गया संस्थान है और दुनिया के करीब 60 प्रतिशत बच्चों के लिए टीका यही खरीदता है.
टीकाकरण के 30 से ज्यादा अभियान प्रभावित
सर्वे में यह बात सामने आयी है कि दुनिया में मीजल्स (खसरा) के 30 से ज्यादा अभियान या तो बंद हो चुके हैं या फिर उनके बंद होने का खतरा मंडरा रहा है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का कहना है कि सामान्य टीकाकरण नहीं हो पाने के कारण बच्चों के बीमारियों से मरने का खतरा कोविड-19 के मुकाबले ज्यादा है, जबकि इन बीमारियों से बचा जा सकता था.
महामारी से पहले भी करीब 1.4 करोड़ बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा था और उनमें से ज्यादातर अफ्रीका महाद्वीप में हैं.
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