अमेरिका ने बच्चों के अंदर पोलियो जैसी नई बीमारी की दी चेतावनी- स्वास्थ्य विभाग
सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की तरफ से कहा गया है कि इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पैडायाट्रिसियन्स और फ्रंटलाइन प्रोवाइडर्स और अर्जेंट केयर्स को एएफएम की फौरन पहचान करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
अमेरिका ने पैरेंट्स और स्वास्थ्यकर्मियों को अगले कुछ महीनों में पोलियो जैसी बीमारी एक्यूट प्लेसिड म्येलिटिस (Acute Flaccid Myelitis) की चेतावनी दी है. सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने मंगलवार को (स्थानीय समयानुसार) एक रिलीज जारी कर यह जानकारी दी.
रिलीज में यह कहा गया है कि अगस्त से नवंबर के बीच अचानक अंग में कमजोरी पर पैरेंट्स और डॉक्टरों को संदिग्ध AFM मरीजों के तौर पर देखना चाहिए. हाल में सांस की तकलीफ या बुखार और गले या पीठ में दर्द या अन्य न्यूरो के लक्षण उनकी चिताएं बढ़ा सकती हैं.
सीडीसी की रिलीज में आगे बताया गया है कि एएफएम एक मेडिकल इमरजेंसी है और मरीजों की फौरन स्वास्थ्य देखभाल होनी चाहिए, यहां तक कि उन इलाकों में भी जहां पर काफी कोरोना वायरस के मामले हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इस साल कोरोना की एक और लहर में देरी हो सकती है और ऐसी स्थिति में एएफएम के मामले उम्मीद से ज्यादा बढ़ सकते हैं.
इसमें आगे बताया गया कि साल 2014 के बाद से हर दो वर्षों में न्यूरोलॉजिकल बीमारी के कारण पैरालिसिस के मामले सामने आए हैं. 2018 में सबसे बड़ा प्रकोप 42 राज्यों में आया 239 लोगों को बीमार किया है, जिनमें से लगभग 95 प्रतिशत बच्चे हैं.
सीडीसी के बयान में कहा गया है कि इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पैडियाट्रिसियन्स (Pediatricians) और फ्रंटलाइन प्रोवाइडर्स (Frontline Providers) और अर्जेंट केयर्स (Urgent Cares) को एएफएम की फौरन पहचान करने के लिए तैयार रहना चाहिए और तुरंत मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना चाहिए. उस वक्त हर एक कदम पर समय काफी महत्वपूर्ण है, लिहाजा फौरन एएफएम की पहचान से जल्द उसका उपचार संभव हो पाएगा.
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