अमेरिका के राज्य अलबामा में स्कूलों में अब योग की ट्रेनिंग नहीं दी जा सकेगी. दरअसल काफी सालों से योग पर लगे बैन को आगे भी जारी रखा जाएगा. इस प्रतिबंध को हटाने के लिए बुधवार को अलबामा की सीनेट में एक विधेयक को पेश किया गया था जिसे कुछ पुराने विचारों के समूहों के दबाव के बाद रोक दिया गया गया है. इस राज्य में रहने वाले ईसाई धर्म के कट्टर अनुयायियों को डर है कि कहीं योग की वजह से बड़ी संख्या में लोग हिंदू धर्म को ना अपना लें. वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक जेरेमी ग्रे ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि वो 10 साल से योग कर रहे हैं, पांच साल से स्कूल में योग की ट्रेनिंग दे रहे हैं और हर रविवार को चर्च भी जाते हैं. फिर भी उनका धर्म नहीं बदला और वो आज भी ईसाई ही हैं.
साल 1993 में योग पर लगी थी रोक
साल 1993 में कुछ पुराने विचारों के लोगों की वजह से अलबामा शिक्षा बोर्ड ने राज्य के सरकारी स्कूलों में योग के साथ ही मेडिटेशन और सम्मोहन की ट्रेनिंग पर रोक लगा दी थी. जिसकी वजह से पूरे राज्य में स्कूलों में योग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन इस रोक को हटाने के लिए अलबामा राज्य की सीनेट में विधेयक पेश किया गया था जिसे एक बार फिर खारिज कर दिया गया है.
ईसाइयों को है धर्म परिवर्तित होने का डर
विधेयक का विरोध करते हुए एक कार्यकर्ता बेक्की गैरेटसन ने कहा कि योग हिंदू धर्म का बड़ा हिस्सा है. लेकिन बिल में कहा गया कि ईसाई समूह विधेयक का विरोध इसलिए कर रहे हैं जिससे लोग हिंदू धर्म को ना अपना सकें. वहीं विधेयक को पेश करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक जेरेमी ग्रे ने इस बात का विरोध किया और योग के पक्ष में मत दिया.
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