Universe: बिग बैंग से पहले भी थी यूनिवर्स में सीक्रेट लाइफ, नए शोध में हुआ खुलासा
Big Bang Theory Challenge: अगर ये लेटेस्ट स्टडी सच साबित होती है तो यह यूनवर्स के बारे में हमारी पारंपरिक समझ को चुनौती देगी. खासतौर से ब्लैक होल और डार्क मैटर के संबंध में.
Life Before Big Bang: यूनिवर्स यानि ब्रह्मांड से जुड़े रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए पहेली बने हुए हैं. साइंटिस्ट दावा करते हैं कि ब्रह्मांण की शुरुआत बिंग बैंग से हुई. अब नया दावा किया गया है कि बिग बैंग से पहले हमारे ब्रह्मांड में गुप्त जीवन मौजूद रहा होगा. इस बात का खुलासा जर्नल ऑफ कॉस्मोलॉजी एंड एस्ट्रोपार्टिकल फिजिक्स में पब्लिश लेटेस्ट स्टडी में हुआ है.
बिग बैंग ब्रह्मांड की रचना का एक ऐसा वैज्ञानिक सिद्धांत है, जिसमें अरबों न्यूक्लियर बमों से ज्यादा जोरदार धमाकों से अनंत अंतरिक्ष की रचना हुई. अब ताजा शोध में दावा किया गया कि बिग बैंग वो सिद्धांत नहीं है, जिससे ब्रह्मांड की रचना हुई. इससे पहले भी अंतरिक्ष में सीक्रेट लाइफ थी और उससे ब्लैक होल और डार्क मैटर का निर्माण हुआ.
बिग बैंग थ्योरी को मिली चुनौती?
शोधकर्ताओं का सुझाव है कि बिग बैंग से पहले ब्रह्मांड संकुचन के एक चरण से गुजरा था, जिसके दौरान ब्लैक होल बने थे, जो संभवतः डार्क मैटर की रहस्यमय प्रकृति की व्याख्या कर सकता है. हाल ही में की गई एक स्टडी से पता चला है कि ब्रह्मांड विस्तार के चरण में प्रवेश करने से पहले सिकुड़ा था.
यह सिद्धांत उस पारंपरिक धारणा को चुनौती देता है, जिसके अनुसार ब्रह्मांड बिग बैंग नामक एक घटना से बना था और फिर तेजी से विस्तार में चला गया. यह नया अध्ययन ब्लैक होल और डार्क मैटर के बारे में हमारी पिछली समझ को चुनौती देगा.
शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि संकुचन चरण के दौरान, घनत्व में उतार-चढ़ाव के कारण छोटे ब्लैक होल का निर्माण हुआ. ये आदिम ब्लैक होल पलटाव से बच गए और वर्तमान विस्तार चरण में बने रहे. यह संभावित रूप से मायावी डार्क मैटर का निर्माण कर सकता है जो ब्रह्मांड के पदार्थ का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाता है.
कहां की जा रही है रिसर्च?
यह शोध फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (CNRS) में किया जा रहा है. सीएनआरएस के शोध निदेशक पैट्रिक पीटर ने कहा, "ब्रह्मांड के शुरुआती चरण में छोटे आदिम ब्लैक होल बन सकते हैं और जब तक वे बहुत छोटे नहीं होते, हॉकिंग विकिरण के उनका क्षय उन्हें खत्म करने के लिए पर्याप्त कुशल नहीं है, इसलिए वे आज भी मौजूद होंगे. लगभग एक क्षुद्रग्रह के बराबर द्रव्यमान के साथ, वे डार्क मैटर में योगदान दे सकते हैं या इस समस्या को पूरी तरह से हल भी कर सकते हैं."
अगर यह सिद्धांत सच साबित होता है तो यह विश्वविद्यालय के बारे में हमारी वर्तमान समझ में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, खासकर ब्लैक होल और डार्क मैटर के संदर्भ में. हालांकि ये थ्योरी अभी अपने शुरुआती चरण में है.
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