(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Afghanistan में फिर से खुले विश्वविद्यालय, छात्राओं को मिली क्लास में आने की अनुमति लेकिन इस शर्त का करना होगा पालन
Afghanistan: पिछले शासन के तहत तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगा दी थी. हालांकि पिछले साल सत्ता दोबारा हासिल करने के बाद से तालिबान कहता रहा है कि उसके रवैये में अब बदलाव आया है.
जलालाबाद: तालिबान द्वारा पिछले साल अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा कर लेने के बाद देश के सार्वजनिक विश्वविद्यालय (public universities) बुधवार को पहली बार खुले. यूनिवर्सिटी के खुलने के साथ ही छात्राएं भी छात्रों के साथ आखिरकार कैंपस में वापस आ गईं.
तालिबान प्रशासन ने हालांकि आधिकारिक तौर पर यूनिवर्सिटी में पढ़ रही लड़कियों के लिए अपनी योजना की घोषणा नहीं की, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में शिक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि छात्राओं को इस शर्त पर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी गई कि वे पढ़ने आए लड़कों से अलग रहेंगी.
जलालाबाद का नंगरहार विश्वविद्यालय (Nangarhar University) उन बड़े सरकारी विश्विद्यालयों में से एक रहा जो इस हफ्ते फिर से खुले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नंगरहार विश्वविद्यालय में लड़कियों और लड़कों ने अलग-अलग दरवाजों से प्रवेश किया.
एक शिक्षा अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि विश्वविद्यालयों को छात्राओं को छात्रों से अलग रखने के लिए कई विकल्प दिए गए थे जैसे लड़के और लड़कियों की कक्षाएं अलग-अलग लगाना या अलग-अलग समय पर क्लास लगाना.
नंगरहार विश्वविद्यालय के प्रमुख खलील अहमद बिहसूदवाल ने बताया कि संस्था में पुरुष और महिला छात्र अलग-अलग कक्षाओं में भाग लेंगे, कई प्रांतों में पहले से ही यह सिस्टम लागू है. हालांकि बुधवार को केवल गर्म प्रांतों में ही विश्वविद्यालय खुले हैं. काबुल सहित ठंडे इलाकों में विश्वविद्यालय (Tertiary institutions) 26 फरवरी को खुलेंगे.
यूएन ने किया स्वागत
संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार देर रात देश के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में महिला छात्रों को शामिल करने की प्रशंसा की. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, "संयुक्त राष्ट्र इस घोषणा का स्वागत करता है कि सार्वजनिक विश्वविद्यालय सभी महिला और पुरुष छात्रों के लिए 2 फरवरी को फिर से खुलना शुरू हो जाएंगे. सबसे जरूरी है कि प्रत्येक युवा की शिक्षा तक समान पहुंच प्राप्त हो."
Tomorrow can be the start of something truly important for Afghanistan. UN welcomes the announcement that public universities will begin re-opening 2 February to all female and male students. So crucial that every young person has equal access to education. pic.twitter.com/BI7rGDJt3Q
— UNAMA News (@UNAMAnews) February 1, 2022
तालिबान का दावा उसमें आया है बदलाव
1996 से 2001 तक अपने पिछले शासन के तहत, कट्टरपंथी तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगा दी थी. हालांकि पिछले साल 15 अगस्त को सत्ता दोबारा हासिल करने के बाद से तालिबान कहता रहा है कि उसके रवैये में अब बदलाव आ गया है लेकिन अब भी वह अपनी नीति को लेकर स्पष्ट नहीं है. कई प्रांतों में हाई स्कूल की उम्र की लड़कियों को अभी भी स्कूल लौटने की इजाजत नहीं है. कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटी फिर से खुल गई हैं, लेकिन कई मामलों में छात्राएं क्लास में नहीं लौट पाई हैं.
इस बीच अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने लड़कियों की शिक्षा को अपनी मांगों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया है क्योंकि तालिबान अधिक विदेशी सहायता और ओवरसीज एसेट्स को अनफ्रीज करना चाहता है.
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