China Over Israel-Palestinian In UNSC: संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीन के स्थायी प्रतिनिधि चांग चुन ने 5 जनवरी को सुरक्षा परिषद के फिलिस्तीनी मुद्दे पर आपातकालीन सार्वजनिक सम्मेलन में फिलिस्तीन और इजराइल स्थिति को और तनावपूर्ण होने से रोकने का आह्वान किया. चांग चुन ने कहा कि चीन इस बात से बहुत चिंतित है कि इजरायल के सरकारी अधिकारियों ने हाल ही में अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में प्रवेश किया, जिससे तनाव बढ़ गया. हाल के सालों में पूर्वी यरुशलम में धार्मिक पवित्र स्थल पर हुई एकतरफा कार्रवाइयों ने बार-बार संघर्ष और टकराव को तेज किया है. 


इसको लेकर कई बार खूनी संघर्ष हुए हैं. यह धार्मिक पवित्र स्थल की प्रकृति और स्थिति की संवेदनशीलता को पूरी तरह दर्शाता है. हाल फिलहाल में इजरायली अधिकारियों की कार्रवाई से जमीनी स्थिति नाजुक और गंभीर हो गयी. चीन धार्मिक पवित्र स्थल में शांति और स्थिरता की बहाली करने और उसे बनाए रख का आह्वान करता है, और सभी संबंधित पक्षों से तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए शांत और संयम बनाए रखने का आह्वान करता है. विशेष रूप से, इजरायल को सभी उकसावे को बंद करना चाहिए, ताकि स्थिति को बिगाड़ने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बच सके.


चीन पालन करने की वकालत करता है


चांग चुन ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन को बनाए रखने और जेरूसलम मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सहमति का पालन करने की वकालत करता है. सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव स्पष्ट रूप से पूर्वी यरुशलम सहित 1967 के बाद से कब्जे वाले क्षेत्रों की जनसांख्यिकीय संरचना, प्रकृति और स्थान को बदलने के सभी कदमों की निंदा करता है. संबंधित पक्षों को सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों की आवश्यकताओं के अनुसार, यरूशलम के धार्मिक पवित्र स्थल की ऐतिहासिक स्थिति को ईमानदारी से बनाए रखना चाहिए और धार्मिक पवित्र स्थल पर जॉर्डन के क्षेत्राधिकार का ईमानदारी से सम्मान करना चाहिए. चीन ने ध्यान दिया है कि इजरायल के नेताओं ने हाल ही में पवित्र स्थल के पहले की तरह से बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और उम्मीद है कि संबंधित प्रतिबद्धताओं को रचनात्मक नीतियों और कार्यों में लागू किया जाएगा.


शांति वार्ता को बढ़ाना चाहिए


चांग चुन ने कहा कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बार-बार तनाव का मूल कारण यह है कि दो-राज्य समाधान लागू नहीं किया गया है. तथ्यों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि टुकड़ों में संकट प्रबंधन और नियंत्रण प्रभावी भूमिका नहीं निभा सकते हैं. व्यापक और निष्पक्ष समाधान का विकल्प नहीं कर सकते हैं.


अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अपनी तात्कालिकता की भावना को बढ़ाते हुए दो-राज्य समाधान के आधार पर फिलिस्तीन और इजरायल के बीच शांति वार्ता को फिर से शुरू करने को बढ़ाना चाहिए, ताकि जेरूसलम और उसके अंतिम स्थान के मुद्दे को हल किया जा सके. इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रभाव वाले देशों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए.


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